Damoh News : मरीजों की जान से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप डॉक्टर, अवैध क्लीनिक पर प्रशासन ने मारा छापा, भर्ती मिले सीरियस मरीज

अस्पताल को खंगाला तो कमरे भर कर दवाइयां भी बरामद हुई। दिन भर चली जांच पड़ताल देर रात तक जारी रही, वहीं तमाम झोलाछाप डॉक्टर्स भाग खड़े हुए।

Amit Sengar
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Damoh News : मध्य प्रदेश में आए दिन कहीं न कहीं ऐसी तस्वीरें सामने आ जाती है, जो भावुक कर देने के साथ ही सिस्टम पर सवाल खड़े करने वाली होती हैं। साथ ही लोगों को अचरज में भी डाल देती हैं, तो अब सरकार के जिम्मेदार अफसरों की आंखों के सामने जो तश्वीरें सामने आई है, उन्हें देखकर उनके होश उड़ गए। और वो खुद कैमरे के सामने कह रहे हैं कि आखिर ये हो क्या रहा है? ये तश्वीरें दमोह से सामने आई है, जिन्हें देखकर आप भी कहेंगे कि सालों से गरीबो को सिर्फ भगवान ही बचा रहा है। वरना इंसान तो मौत के सौदागर बनकर उनकी ज़िंदगी से खेल ही रहे हैं।

क्या है पूरा मामला

दरअसल दमोह जिले में बड़े पैमाने पर झोलाछाप डॉक्टर्स का मकड़जाल फैला हुआ है। जिले के ग्रामीण इलाकों में प्रायः हर गांव में झोलाछाप डॉक्टर्स हैं, और इनके गलत इलाज की वजह से आए दिन लोगों की ज़िंदगी तक चली जाती है। पिछले दिनों कुछ ऐसे मामले सामने आए जब गलत इलाज की वजह से मौत के बाद हंगामे के हालात बने तो कुछ दुखी लोगों ने सरकार से न्याय भी मांगा। लगातार सामने आ रही शिकायतों के बाद जिला प्रशासन जागा। तो अब जिले में झोलाछाप डॉक्टर्स के खिलाफ मुहिम शुरू हुई है। मंगलवार को जिले के तेन्दूखेड़ा में एक झोलाछाप की क्लीनिक सील की गई। फर्जी डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ तो गुरुवार को हैरान करने वाली तश्वीरें सामने आई। जिले के पथरिया में एसडीएम की अगुवाई में हेल्थ डिपार्टमेंट के अफसरों ने अवैध क्लीनिक पर रेड डाली तो सब सन्न रह गए। इन क्लीनिक में सरकारी दवाखानों से ज्यादा मरीज देखने को मिले। टीम ने 6 जगहों पर छापेमार कार्रवाई की, तो यहां बड़े पैमाने पर दवाइयों का स्टॉक भी मिला। ये तमाम क्लीनिक झोलाछाप डॉक्टर्स के हैं। इन डॉक्टर्स के पास न तो कोई डिग्री है, न ही क्लीनिक चलाने का लाइसेंस भी।

मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में कराया गया भर्ती 

इन अवैध दवाखानों में सिर्फ हेल्थ चेकअप ओपीडी बस नही बल्कि मरीजों को भर्ती करके इलाज दिया जा रहा था। हद तो तब हो गई जब पथरिया क्षेत्र के महलवारा गांव में एक निजी अस्पताल अफसरों के सामने आया। इस अस्प्ताल में एक झोलाछाप डॉक्टर के यहाँ करीब 50 मरीज भर्ती होकर इलाज करा रहे थे। इस अस्पताल में बाकायदा पैथोलॉजी लैब जैसी सुविधाएं भी है। इलाके के एसडीएम और ब्लाक मेडिकल अफसर ये देखकर दंग रह गए। पैथोलॉजी लैब में वो तमाम जांचे हो रही थी। जो किसी बड़े पैथ लेब में होती हैं। जिन जांचों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में किया जाता है। उन जांचों की फीस यहाँ पांच और साढे पांच हजार रुपयों तक में किया जा रहा था। खुद एसडीएम और बीएमओ ने ये देखकर आश्चर्य जाहिर किया और जब अस्पताल को खंगाला तो कमरे भर कर दवाइयां भी बरामद हुई। दिन भर चली जांच पड़ताल देर रात तक जारी रही, वहीं तमाम झोलाछाप डॉक्टर्स भाग खड़े हुए। इन अवैध दवाखानों में दाखिल मरीजों को पथरिया से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। क्लीनिक और अस्पतालों को सील किया गया है।

जिले के कलेक्टर सुधीर कोचर ने बताया है कि जिले भर में ऐसी कार्रवाई की जा रही हैं, और लोगों की जान से खिलवाड़ करने वाले इन झोलाछापों को बख्शा नही जाएगा।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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