दमोह जिला चिकित्सालय में पांच प्रसूताओं की मौत से हड़कंप, सभी ने आपरेशन से दिया था बच्चों को जन्म, जांच के आदेश

मृतक महिलाओं की डिलेवरी एक ही दिन आपरेशन के जरिये हुई थी और जब तबियत बिगड़ी तो शिकायत भी एक सी थी।

DAMOH NEWS : एमपी के दमोह में पाँच गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के बाद एक-एक कर हुई मौतो के बाद हड़कम्प मच गया है। इन महिलाओं के एक ही दिन सीजर आपरेशन हुए थे और अब हो रही मौतो के बाद कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं।

पाँच की मौत 

एमपी के दमोह का जिला अस्पताल वैसे तो अक्सर अपनी अव्यस्थाओ को लेकर सुर्खियों में रहता है लेकिन इन बार इस सबसे बड़े दवाखाने से जो खबर सामने आ रही है वो सबको हैरान ही नही कर रही बल्कि दहशत में भी डाल रही है। लोगो का ख़ौफ़ज़दा होना लाजमी है क्योंकि इस अस्पताल में ऑपरेशन के जरिये जिन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया उनमे से पांच की मौत हो गई है। मरने वाली महिलाओं की डिलेवरी एक ही दिन आपरेशन के जरिये हुई थी और जब तबियत बिगड़ी तो शिकायत भी एक सी थी।

एक ही दिन हुई थी सभी की डिलेवरी 

दरअसल दमोह के जिला अस्पताल के एम सी एच वार्ड में बीते 4 जुलाई को लगभग 10 महिलाओ ने बच्चों को जन्म दिया और सभी के सीजर आपरेशन हुए। आपरेशन के जरिये बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को एक सी शिकायत हुई और ये शिकायत पेशाब रुकना ,औऱ इंफेक्शन थी। इसके बाद बीते 20 दिनों में 5 महिलाओं ने एक एक कर दम तोड़ दिया है।

पहली मौत 

जिन महिलाओं की मौत हुई उनमे दमोह जिले के बकायन गावँ की लक्ष्मी चौरसिया हैं , लक्ष्मी जबलपुर हाईकोर्ट में पदस्थ थी, उन्हें नार्मल डिलीवरी के लिये अस्पताल में दाखिल कराया गया था लेकिन रात होते होते उन्हें सीजर के लिए कहा गया, आपरेशन हुआ बच्चा स्वास्थ्य हुआ लेकिन पांच घँटे बाद उन्हें दर्द हुआ और उन्होंने दम तोड़ दिया।

दूसरी मौत 
दमोह के हिंडोरिया की रहने वाली निशा परवीन को पहला बच्चा होना था, लोग खुश थे जब कहा गया आपरेशन होगा तो परिवार को जरा फीका लगा लेकिन जब नवजात आया तो सब खुश थे, चंद घण्टो के भीतर निशा की हालत बिगड़ी उन्हें भी पेशाब रुकने की समस्या हुई बताया गया कि उनकी किडनी फेल हो गई है। गंभीर हालत में जबलपुर मेडिकल कालेज रेफर किया गया, वहां उनका डायलेसिस होता रहा और 18 दिन बाद निशा परवीन ने भी दम तोड़ दिया।

तीसरी मौत 
दमोह जिले के ही हटा की रहने वाली हुमा खान के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ सीजर आपरेशन के जरिये बच्चे को जन्म दिया बच्चा स्वस्थ्य हुआ लेकिन हुमा को दूसरी महिलाओ की तरह इंफेक्शन और पेशाब में दिक्कत हुई उन्हें भी किडनी फेल होने की जानकारी दी गई मेडिकल कालेज जबलपुर भेजा गया डायलेसिस होता रहा और 20 दिन बाद हुमा ने भी दम तोड़ दिया।

चौथी और पाँचवी मौत 
4 जुलाई को ही दमोह जिले के पटेरा नया गांव की रहने वाली हर्षना कोरी का पहला बच्चा सीजर आपरेशन से हुआ , हर्षना की तबियत बिगड़ी उन्हें जिला अस्पताल के ही आई सी यू वार्ड में भर्ती किया गया , जिंदगी की जंग महिला लम्बी नही लड़ पाई और 5 तारीख की सुबह होने से पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया। इसके अलावा एक ओर महिला के जबलपुर में इलाज के दौरान मौत हो जाने की ख़बर है।

20 दिन में 05 मौतें 
महज 20 दिनों में अब तक 5 महिलाये दम तोड़ चुकी है जबकि अन्य महिलाओ के जबलपुर में इलाज कराने की जानकारी मिल रही है। इस मामले में बाहर बात आने से पहले ही जिले के कलेक्टर के संज्ञान में ये पूरा मामला आ गया था कि 4 जुलाई के आपरेशन के बाद प्रसूताओं की हालत बिगड़ रही है और उन्होंने उसी वक़्त जांच के आदेश दिये थे। कलेक्टर सुधीर कोचर के मुताबिक उनके संज्ञान में मामला आया था तो तुरंत जांच के आदेश दिये थे।

सुधीर कोचर ( कलेक्टर दमोह)

जताया विरोध 

एक एक कर हुई महिलाओ की अब तक मौतो के बाद परिजनों का गुस्सा फूटने लगा है। हटा में महिला के जनाजे को लेकर जा रहे लोगों ने सड़क पर विरोध जाहिर किया, प्रशासनिक अधिकारियों ने उनकी शिकायत सुनी औऱ लोगों ने सूबे के मुखिया डॉ मोहन यादव से मांग की कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और जो महिलाएं अलग अलग जगहों पर एडमिट है उनकी ज़िंदगी बचाने बेहतर इलाज सरकार दे।

इकबाल खान ( मृतिका हुमा के परिजन हटा दमोह)

अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही 

बीते 4 जुलाई से पूरे मामले को ढकने की कोशिश में जुटा जिला अस्पताल प्रबन्धन बीमार हुई महिलाओ को लेकर आश्वस्त था कि हायर सेंटर में महिलायें ठीक हो जाएंगी और कोई शोर गुल नही होगा लेकिन एक एक कर सामने आ रही मौते और परिजनों का गुस्सा अस्पताल प्रबंधन की मुसीबत बड़ा रहा है। जिला अस्पताल का कोई भी जिम्मेदार कैमरे के सामने हकीकत बताने तैयार नही है कि एक ही दिन हुए आपरेशन के बाद महिलाओ की हालत क्यों बिगड़ी। 4 जुलाई को जिन महिलाओं के ऑपरेशन हुए उन्ही की हालत और अब तक सामने आई पांच मौतो की वजह क्या है, प्रबंधन मामले के जांच में होने की दलील देकर ये भी छिपा रहा है कि इस दिन हुये आपरेशन वाली महिलाओं में कितनी महिलाये इलाज के लिए बाहर गईं हैं उनकी हालत क्या है, हालांकि जिले की जिम्मेदारी कलेक्टर की है लिहाजा कलेक्टर ने पहले भले ही इस मामले को सामान्य घटना मानते हुए जांच के आदेश दिये हो लेकिन 5 मौतो की पुष्टि करते हुऐ कलेक्टर सुधीर कोचर कहते है कि एक हफ्ते के भीतर जाँच पूरी होगी और किसी भी दोषी को बख्शा नही जाएगा। बहरहाल इस सनसनीखेज मामले में अब लोगो को उम्मीद सरकार से है कि वो इस बात का खुलासा करे की मौज़ूदा स्थिति क्या है? कितनी और महिलाये सफ़र कर रही है, क्या मौतो का आंकड़ा इतना ही है या संख्या कुछ और है, औऱ इस मामले में सरकार क्या कार्यवाही करेगी।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट 


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Sushma Bhardwaj

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