Damoh News : मध्य प्रदेश के दमोह से इस वक़्त की बड़ी खबर सामने आई है, जहां बीएसपी की दबंग और चर्चित विधायक रामबाई सिह के जेल में बंद रिश्तेदारों को अब दमोह जिला जेल से अलग-अलग जेलों में शिफ्ट किया गया है। ये कार्रवाई चुनाव को जेल के अंदर से प्रभावित करने की शिकायतों के बाद हुई है। दरअसल, कांग्रेस नेता देवेंद्र चौरसिया हत्याकांड में बसपा विधायक रामबाई सिह के पति, देवर, भतीजे और भाई बीते तीन सालों से जेल में बन्द है। बता दें कि मामला विचाराधीन है। सुप्रीम कोर्ट तक से इन आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने किसी भी आरोपी को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया है।
पति को भेजा जबलपुर जेल
दरअसल, कई बार यह आरोप लग चुके हैं कि जेल में बन्द विधायक के रिश्तेदार जेल में अपने रसूख का इस्तेमाल कर अवैधानिक कार्य कर रहे हैं। जिसके बाद, रामबाई सिंह के पति गोविंद सिंह को सेंट्रल जेल जबलपुर भेजा गया था जबकि उनके देवर, भतीजे और भाई दमोह जेल में ही रखा गया था। बता दें कि बसपा विधायक रामबाई सिंह एक बार फिर बीएसपी की टिकट पर पथरिया से चुनावी मैदान में है।
कलेक्टर ने जेल विभाग को लिखा पत्र
चुनावी प्रक्रिया शुरू होते ही फिर रामबाई आरोपों और शिकायतों के घेरे में आ गई हैं। वहीं, कलेक्टर को यह शिकायत मिली कि जेल में बन्द ये लोग जेल के भीतर से लोगों को डरा और धमका रहे हैं। जिसके बाद चुनाव को मद्देनजर रखते हुए कलेक्टर ने मामले को गंभीरता से लिया और जेल विभाग को पत्र लिखा। जिसके बाद जेल विभाग भोपाल से आदेश जारी किए गए हैं। जिसके तहत, रामबाई के देवर कौशलेंद्र प्रताप सिंह चंदू को सेंट्रल जेल सागर, भतीजे गोलू सिंह को उपजेल हटा और भाई लोकेश पटेल को सेंट्रल जेल भोपाल शिफ्ट किया जाएगा।
मानी जा रही बड़ी कार्रवाई
बता दें कि जेल विभाग ने दमोह जिला जेल के अधीक्षक को निर्देशित किया है कि शीघ्र ही इन बंदियों को दूसरे जेलों में शिफ्ट किया जाए। वहीं, इस कार्रवाई को चुनाव के वक्त की बड़ी कार्रवाई मानी जा रही है। वहीं, हत्या के आरोप में बन्द रामबाई सिंह के परिजनों को लेकर कई बार विवाद सामने आ चुके हैं लेकिन पहले कमलनाथ सरकार और फिर बदली शिवराज सरकार में ये आरोप लगते रहे कि सरकार उनकी मदद करती रही है। इसी वजह से जेल में आरोपियों को सहूलियत भी मिलती रही।
दमोह, दिनेश अग्रवाल