Damoh में स्ट्रीट डॉग्स का आतंक, दर्जन भर से ज्यादा लोगों को बनाया निशाना

मड़ियादो स्वास्थ्य केन्द्र में डॉग बाईट के 14 मरीज पहुंचे। उन सभी मरीजों का अस्पताल में इलाज किया गया। हालांकि अभी भी ये पागल कुत्ता खुलेआम घूम रहा है, जिसको लेकर इलाके में दहशत फैली हुई है।

Shashank Baranwal
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Damoh News:  मध्य प्रदेश की सड़कों पर स्ट्रीट डॉग्स का आंतक लगातार बढ़ रहा है, जोकि लोगों के लिए अब बड़ी परेशानी का सबब बनती जा रही है। शहरी इलाकों में लगातार ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जहां बीच सड़को से गुजरने वाले लोग हर दिन इन कुत्तों के आतंक से परेशान हो रहे हैं। दमोह जिले में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं जहां हर दिन स्ट्रीट डॉग्स की वजह से लोग घायल हो रहे हैं।

एक दर्जन से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार

दमोह जिले में चलती गाड़ियों खास तौर पर टू व्हीलर्स के पीछे अचानक दौड़ते कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इस बीच जिले के मड़ियादो से बड़ा मामला सामने आया है जब देर शाम यहाँ एक पागल कुत्ते ने एक दर्जन से ज्यादा लोगो को निशाना बनाया। मड़ियादो के बाजार में किराना दुकान जा रही एक मासूम को एक कुत्ते ने काटा तो लोगो ने कुत्ते को भगाया। लेकिन कुत्ते ने हमला किया तो एक दो नहीं बल्कि दर्जन भर लोग उसके शिकार हो गए। इसके साथ ही भागते हुए पागल कुत्ता एक खेत मे चला गया, जहां उसने एक और मासूम बच्ची को काट कर घायल कर दिया।

जिला अस्पताल को लेकर घायलों ने जताई नाराजगी

मड़ियादो स्वास्थ्य केन्द्र में डॉग बाईट के 14 मरीज पहुंचे। उन सभी मरीजों का अस्पताल में इलाज किया गया। हालांकि अभी भी ये पागल कुत्ता खुलेआम घूम रहा है, जिसको लेकर इलाके में दहशत फैली हुई है। इस मामले में मड़ियादो स्वास्थ्य केंद्र की लापरवाही भी सामने आई है जब कुत्ते के हमले से घायल लोग सरकारी अस्पताल में पहुंचे, लेकिन यहां मरीजो को देखने वाला कोई नहीं था। करीब घंटे भर तक इंतज़ार करने के बाद मरीजों को इलाज मिल पाया, जिसे लेकर भी घायलों ने नाराजगी जताई।

दमोह से दिनेश अग्रवाल की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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