कलेक्टर ने सभाकक्ष में लंबित पत्रों की समीक्षा की बैठक , दिए जरुरी दिशा-निर्देश

दतिया/सत्येन्द्र सिंह रावत। सोमवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में कलेक्टर संजय कुमार ने लंबित पत्रों की समीक्षा की। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी कार्यालय प्रमुखों को लंबित पत्रों को गंभीरता से लेकर निराकरण करने के सख्त निर्देश दिए है। उन्होंने बैठक में निर्देश देते हुए कहा कि सीएम हैल्प लाईन, जन सुनवाई एवं शासन से प्राप्त होने वाले समय-सीमा के पत्रों का निराकरण सभी कार्यालय प्रमुख गंभीरता से लेकर निराकरण करें।

उन्होंने कहा कि आगामी आने वाले टीएल बैठक तक सभी लंबित प्रकरणों का निराकरण शत प्रतिशत हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं चाहता हं कि मेरे अधीनस्थ सभी कार्यालय प्रमुख विश्वास बनाये रखें और अपने-अपने विभाग के लंबित प्रकरणों को शीघ्र निपटायें। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी प्रकरण में निर्णय लेने में कोई समस्या आ रही हो तो उस प्रकरण को मेरे सामने रखें जिससे शीघ्र ही उसका निराकरण किया जा सके।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।