डोल का पूजन करने के बाद चढ़ाया बड़े साहब को लोबान, पेश की कौमी एकता की मिसाल

देवास, सोमेश उपाध्याय। पूरे देश में प्रशासनिक सख्ती के चलते देवझूलनी एकादशी का त्यौहार नही मनाया जा रहा है। बहुत से स्थानों पर विवाद की स्थिति भी निर्मित हुई पर बागली ने एक बार फिर कौमी एकता का सन्देश दिया। पुरुषों में दिखी एकता के बाद महिलाओं ने भी दम दिखाया है। बागली नगर की महिलाओं ने मन्दिरों में डोल का पूजन करने मुस्लिम परिवारों के घर जाकर बड़े साहब को लोबान चढ़ाया और अमन-शांति की  प्रार्थना की।

सामाजिक कार्यकर्ता संध्या शिवहरे ने बताया कि डोल ग्यारस पर बागली के महान सन्त फलाहारी बाबा की पुण्यतिथि मनाई जाती है। बाबा ने पूरे नगर को जोड़ने का काम किया था, ऐसे सन्त का अनुसरण रिश्ते की डोर को मजबूत करेगा। दोनों समुदायों की महिलाओं का साफ कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में सावधानी बरतना जरूरी है। बागली नगर एक परिवार है और यहां सभी त्यौहार सबके साझा हैं। महिलाओं के इस कदम से बागली सहित आस-पास के इलाकों में भी सकारात्मक सन्देश गया है।


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News