कांग्रेस ने किसान बिल के विरोध में सौंपा राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन, पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने बताया काला कानून

Gaurav Sharma
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देवास, अमिताभ शुक्ला।  देश और प्रदेश में बन्द के आव्हान को लेकर देवास में भी कांग्रेसी सड़को पर उतरे और पैदल मार्च करके कलेक्टर कार्यालय पहुचंकर एक ज्ञापन महामहिम के नाम कृषि बिल के विरोध में देवास SDM प्रदीप कुमार सोनी को दिया । ज्ञापन देने के दौरान कांग्रेसियों के साथ मौजूद रहे पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने भाजपा की प्रदेश और केंद्र की सरकार पर निशाना साधा।

निशाना साधते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पूरे भारतवर्ष के किसानों ने बन्द का आव्हान किया जिसके समर्थन में काँग्रेस किसान भाइयों के साथ है । हमने आज राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया है, नरेंद्र मोदी की सरकार जो ये तीन काले कानून लाई हैं, इन तीनो काले कानूनों मे संशोधन किया जाना चाहिए।

पूर्व मंत्री ने देश के प्रधानमंत्री पर भी जमकर निशाना साधा, सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि पीएम मोदी अडानी अम्बानी को और सशक्त करने के लिए किसानों को गिरवी रख रहा है। किसानों ने बोल दिया है कि हमारी मांग नही मानी तो हम भूखे बैठेगे, देश का किसान अब समझ गया है कि पीँएम  नरेंद्र मोदी कारपोरेट घराने की गोद में खेल रहे है, किसान अब जाग चुका है ।

आगे सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि भाजपा ट्विस्ट करती है, खुद राष्ट्रवादी बन जाएंगे बीजेपी वाले। राष्ट्रवादी तो असली कांग्रेस के लोग हैं , वो किसान है जिसका बेटा फौज में है और किसान अनाज उगा रहा है । लोगो का घ्यान भटकाने की राजनीति भाजपा करती है, अब आने वाले वक्त में तख्ता पलट हो कर रहेगा ।

उधर बंद के असफल रहने के बीजेपी के सवाल पर मंत्री ने भाजपा के लोगों पर व्यपारियो को धोंस देकर दुकानों को खुलवाने का आरोप लगाया है। वहीं आगे भाजपा को घेरते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने आगे कहा कि भाजपाइयों, दिल्ली जाने वाला हर रास्ता बंद है या नही ।

वहीं बीजेपी अध्यक्ष राजीव खंडेलवाल ने इस पूरे वाक्या को कांग्रेस की नोटंकी करार दिया और उनका कहना है कि ये कांग्रेस सिर्फ ज्ञापन देने के लिए है। किसान पूरी तरह से बीजेपी की सरकार के साथ है। बता दें कि इस दौरान बन्द का आंशिक असर देवास शहर में देखने को मिला और ज़्यादातर मार्केट और दुकाने खुली हुई दिखाई दी।

 


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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