Dewas News : मध्य प्रदेश शासन के पूर्व मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता दीपक जोशी अपने बगावती तेवर के कारण चर्चा में बने हुए हैं। प्रदेश में सत्ता पलट के बाद से ही पूर्व मंत्री जोशी अपने आप को पार्टी व संगठन में उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। बीते 2 वर्षों में कई बार जोशी ने बीजेपी छोड़ने के संकेत भी दिए हैं। लेकिन मान-मन्नोवल के बाद पार्टी के साथ खड़े होते दिखाई दिए। लेकिन विधानसभा चुनावों के पूर्व लगातार कांग्रेस के दिग्गजों से मुलाकात एक बार फिर सियासी अटकलों को हवा दे रही है। सूत्रों की मानें तो दीपक जोशी आगामी 6 मई को भोपाल में बड़ा निर्णय लेकर बीजेपी की मुसीबत बढ़ा सकते हैं। आज दीपक जोशी अपने गृह क्षेत्र हाटपीपलिया व बागली में समर्थकों के साथ मंत्रणा करते दिखे।
गौरतलब है कि पूर्व मंत्री दीपक जोशी सन 2003 से 2008 तक बागली से विधायक रहे, परंतु 2008 में बागली सीट अजजा आरक्षित होने के बाद हाटपिपलिया से विधायक चुने गए। परंतु 2018 में जोशी कांग्रेस प्रत्याशी मनोज चौधरी से पराजित हो गए। 2020 के सत्ता पलट में मनोज चौधरी ने भाजपा का दामन थाम लिया, उपचुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की। सिंधिया समर्थक मनोज चौधरी के भाजपा में आने के बाद से ही पूर्व मंत्री दीपक जोशी पार्टी के साथ ही क्षेत्र में भी उपेक्षित महसूस कर रहे थे। हाल ही में हाटपिपल्या क्षेत्र में ही जोशी के समर्थक की गुमटी भी हटा दी गई उसके बाद जोशी को जेसीबी पर बैठकर प्रदर्शन करना पड़ा था। जोशी समर्थक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया, समर्थकों के साथ मिलकर रणनीति बनाई जा रही है, व आगामी 6 मई तक बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। हालांकि एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ द्वारा भी जोशी से संपर्क किया गया था, परंतु जोशी ने कोई जवाब नहीं दिया।
प्रदेश कार्यसमिति में भी नहीं मिली थी जगह
दीपक जोशी को उम्मीद थी कि उन्हें इस बार संगठन में उचित तवज्जो दी जाएगी। परंतु जोशी के साथ ही बागली विधानसभा के किसी भी नेता को प्रदेश कार्यसमिति में भी जगह नहीं मिल पाई। इसके विपरीत सिंधिया समर्थक नेताओं को प्रदेश कार्यसमिति में सदस्य बनाया गया था।
बागली से शुरू की थी राजनीतिक पारी
पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत भी अपने पिता के राजनीतिक क्षेत्र बागली विधानसभा से ही शुरू की थी। परंतु वर्तमान में बागली से भाजपा विधायक पहाड़ सिंह कन्नौजे से भी जोशी की अनबन चल रही है।
देवास/बागली से सोमेश उपाध्याय की रिपोर्ट