जीवन में सब कुछ महंगा हो जाए तो चलेगा, परंतु ज्ञान महंगा नही होना चाहिए : पंडित कमल किशोर नागर

कृष्ण और सुदामा का प्रसंग सुना कर कहा की परंतु जो भक्त सत्संग के प्रति समर्पित होता है। उसके मार्ग में चाहे कितने ही संकट आ जाएं उसे कथा अमृत का रस प्रसाद मिलता ही है।

Amit Sengar
Published on -
dewas news

Dewas News : राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संत पंडित कमल किशोर नागर के मुखारबिंद से आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा में रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। मालव माटी के संत पंडित नागर ने कथा में विभिन्न प्रसंगों की विस्तार से व्याख्या करते हुए सत्संग का महत्व बताया। उन्होंने कहा की कथा ही हमारे जीवन में परिवर्तन ला सकती है। कथा को सुनने के बाद अपने जीवन में पालन भी करो। जैसे चुनाव के पहले आचार संहिता होती है, वैसी ही आचार संहिता अपने जीवन में भी लागू करो। जीवन में कभी गलत योजना मत बनाओ।

परमात्मा से प्रार्थना करें कि चाहे कष्ट दे लेकिन सत्संग नहीं छुड़ाएं। जैसे रविवार का व्रत करने के बाद सोमवार को ऋषि पंचमी और बुधवार को हल छठ का व्रत एक साथ आ जाता है, तो कष्ट जरूर होता है, लेकिन व्रत तोड़ा नही जाता। उसी प्रकार वैसे कभी भी हमारे जीवन में एक साथ अनेक दुःख आ जाते है। लेकिन हमे दुखों से घबराना नहीं चाहिए। उन्होंने कृष्ण और सुदामा का प्रसंग सुना कर कहा की परंतु जो भक्त सत्संग के प्रति समर्पित होता है। उसके मार्ग में चाहे कितने ही संकट आ जाएं उसे कथा अमृत का रस प्रसाद मिलता ही है। कथा में क्षेत्रीय विधायक मुरली भंवरा भी परिवार सहित सम्मिलित हुए। मुख्य यजमान कमला भार्गव, प.चंद्रशरण भार्गव व एसडीओपी सृष्टि भार्गव ने व्यासपीठ का पूजन कर आरती की। नागर कथा प्रसंग सुनाते हुए कई भार भावुक भी दिखे।


About Author
Amit Sengar

Amit Sengar

मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”