देवास, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (MP)के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj) ने आज देवास जिले में MP School के स्कूली छात्रों को बड़ा तोहफा दिया। दरअसल देवास (dewas) जिले के ग्राम चिड़ावद रोड में 12 करोड़ की लागत से निर्मित CM Rise School का विधि विधान से भूमि पूजन किया गया। भूमि पूजन के बाद CM शिवराज देवास की जनता से भी मुखातिब हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए CM Rise School का निर्माण किया जा रहा है। हर जिले में CM Rise School खोलने की तैयारी की गई है।
CM शिवराज ने कहा कि शिक्षा (education) की गुणवत्ता ठीक नहीं हुई तो पढ़ाई बेकार हो जाती है। इसलिए इस साल से हम सीएम राजे स्कूल शुरू कर रहे हैं। इसमें लाइब्रेरी, प्रयोगशाला, आधुनिक स्मार्ट क्लासेज भी होंगी। आसपास के बच्चे भी स्कूल बसों से आएंगे। जो बच्चे स्कूल से निकलेंगे। वह किसी प्राइवेट स्कूल से भी बेहतर होंगे। इसकी तैयारी की गई है।
वही सीएम शिवराज ने कहा कि स्कूलों में प्रदेश की बेटियों को भी बेहतर शिक्षा मुहैया कराया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मी योजना 2006 में शुरू की गई थी। उस समय बेटियों को गोद में खिलाकर लाड़ली लक्ष्मी के प्रमाण पत्र सौंपे थे। आज वह बेटियां 11वीं, 12वीं और कुछ कॉलेज में पहुंच गई है। उनको देखने पर मन संतोष से भर जाता है। आज मुझे यह कहते हुए खुशी है कि 40 लाख लाड़ली लक्ष्मी बेटियां मध्यप्रदेश की धरती पर हैं। इस साल मैंने तय किया है कि जो लाड़ली लक्ष्मी बेटियां कॉलेज में जाएंगी उन्हें 25 हजार रुपए अलग से देंगे।
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इतना ही नहीं CM Shivraj ने कहा कि मेरे मन में विचार आया है कि जब बेटियां पैदा हो, तो वह लखपति पैदा हो। इसलिए इस योजना के तहत हमने तय किया कि बेटी के जन्म के समय ₹30000 के बचत पत्र माता पिता के हाथ में दिए जाएंगे। वही आज मुझे खुशी है कि प्रदेश में 40 लाख लाडली बिटिया मध्यप्रदेश की धरती पर है।
वही आत्मनिर्भर महिलाओं पर बोलते हुए सीएम शिवराज (CM Shivraj) ने कहा कि हम बहनों के जिंदगी बदलना चाहते हैं। इसके लिए कई तरह के कार्य करने पड़ेंगे। इनमें एक काम है सहायता समूह बनाकर गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार की बहनों को सशक्त करना। अभी हमने बहनों को स्कूल की ड्रेस बनाने के लिए 5 करोड़ का कार्य सौंपा है। जिसमें 1 साल में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हुई है।
सीएम शिवराज ने कहा कि फसलों के विविधीकरण की और हमें सोचना पड़ेगा। गेहूं की खेती थोड़ी कम करके दूसरी फसल को बढ़ाएं। बांस का एक अच्छा विकल्प हो सकता है। बांस का व्यापार करें। यह बंजर भूमि में भी हो जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि 1.5 लाख रुपए प्रति एकड़ आमदनी बांस के व्यापार से की जा सकती है। ज्ञात हो कि आज मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिला स्वयं सहायता समूह को बांस रोपण के साथ आर्थिक उन्नयन और सीएम राजे स्कूल के भूमि पूजन के लिए देवास पहुंचे थे।