देवास,सोमेश उपाध्याय। कोरोना महामारी के इस मुश्किल दौर में शासन के स्पष्ट निर्देश के बाद निजी विद्यालयों द्वारा अवैध फीस वसूली का कारोबार जारी है। जिले के बागली के चापड़ा में निजी विद्यालय सेंट जॉन स्कूल के पालक वारिस अली ने बताया कि उनका पुत्र उबेद अली नर्सरी कक्षा से 11वीं तक विधालय का नियमित छात्र रहा है और उसके द्वारा नवोदय कांटेस्ट में नेशनल लैबल तक 77 रेंक लगाई है। इस वर्षे भी 11वीं उच्च गणित से 95% अंको से उत्तीर्ण की हैं।
वर्तमान में विशेषज्ञों के अभाव में बडी कक्षाओं के विधार्थियों की कठिन अवधारणा स्पष्ट नहीं होने के कारण पालक अली ने भविष्य की चिंता करते हुए अपने बच्चे को अन्य संस्था में प्रवेश दिलाने के लिए टीसी के लिए 26 जून को आवेदन नियत प्रारूप पर प्रेषित किया था, लेकिन जानबूझकर अवैध फीस वसूली करने हेतु पालक के जुलाई-अगस्त में बहुत बार स्कूल जाने पर भी टी सी नहीं दी और न आवेदन की कॉपी प्रदान की। दोबारा आवेदन करवाया और उसकी भी कॉपी प्रदान नहीं की गई।
वहीं स्कूल प्रबंधन द्वारा टीसी के लिए पहले 6, 000 रूपये फीस जमा करने की बात कहीं गई और बाद में 4,940 रूपये प्रथम इन्सटालमेट की फीस ली गई जो कि जून में टीसी के लिए आवेदन करने के कारण पुरी तरह अवैध हैं। साथ ही अवैध फीस वसूली करने के बाद रसीद तक नहीं दी जा रही थी। पालक के मांगने पर पहले एक सामान्य लाल पर्ची में रसीद दी जाने लगी जिसमें स्कूल का कोई उल्लेख नहीं था।
टीसी पर विधालय के कार्य दिवस और छात्र उपस्थिति भी शून्य बताई गई है और ऑनलाइन कक्षा का जुलाई से सितम्बर तक की फीस वसूली गई है, जो कि अवैध लूट का प्रमाण है। पालक के द्वार टी सी प्रति रसीद पर स्पष्ट लिखा है कि आवेदन 26जून को किया गया था, लेकिन टीसी 2 सितम्बर को प्राप्त हो रही हैं। संपूर्ण घटनाक्रम का विडियो भी पालक ने बनाया है और फोटो ग्राफ भी हैं, जिसमे स्पष्ट है कि पालक की प्रति पर उंगली रखकर तारीख छुपाई जा रही है।
पीड़ित पालक के द्वारा संपूर्ण तथ्यों और दस्तावेजी प्रमाणों के साथ संस्था की अवैध फीस वसूली के गौरखधंधे की शिकायत मुख्यमंत्री,शिक्षा मंत्री,लोकसंचनालय,नेता प्रतिपक्ष से लगाकर क्षेत्रीय विधायक, कलेक्टर देवास और जिला शिक्षा अधिकारी सहित हर जवाबदार अधिकारी तक करते हुए अवैध फीस वसूली करने वालों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई करने की मांग कर रहे है। विधालय में शासन और शिक्षा अधिकार अधिनियम के मापदण्डों की सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और अभिभावकों के साथ दबाव बनाकर जैसे टीसी और अंकसूची रोककर अवैध फीस वसूली जा रही है। अभिभावकों में आक्रोश हैं और स्कूल प्रबंधन के विरूद्ध कार्रवाई की मांग की गई है।
विद्यालय ने नहीं उठाया फोन–
वहीं जब इस पूरे मामले को लेकर एमपी ब्रेकिंग ने संस्था प्राचार्य से बात करने की कोशिश की तो उन्होंने फोन अटेंड नही किया। स्कूल पहुंचने पर बाद में आने को कहा गया।