MP News: आज शुक्रवार के दिन ASI की टीम भोजशाला पहुंच गई है। भोजशाला का सच क्या है ये जानने के लिए आर्कियोलॉजिक्ल सर्वे ऑफ इंडिया की 5 सदस्यीय टीम धार के भोजशाला पहुंच चुकी है। हाईकोर्ट के निर्देश मिलने पर ASI की टीम भोजशाला के सर्वे के लिए आज से खुदाई शुरू करेगी। बता दें कि भोजशाला मामले को लेकर इंदौर में लगी याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सर्वे के आदेश दिए थे। जिसके बाद आज ASI की टीम भोजशाला पहुंच गई है।
नमाज पर नहीं पड़ेगा सर्वे का असर
आज शुक्रवार यानी नमाज का दिन है। ऐसा में कहा जा रहा है कि ASI टीम के इस सर्वे का जुम्मे की नमाज पर असर नहीं पड़ेगा। स्थिति को देखते हुए धार की भोजशाला में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर दिए गए है। जगह जगह पर पुलिस बल तैनात है। धार एसपी मनोज कुमार सिंह ने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश का पालन किया जाएगा। शुक्रवार के दिन भोजशाला में नमाज भी होगी इस सर्वे से वह प्रभावित नहीं होगी।
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— MP Breaking News (@mpbreakingnews) March 22, 2024
आखिर क्या है भोजशाला
मध्य प्रदेश के धार जिले में 11वीं शताब्दी में परमार वंश का शासन था। इस वंश में 1000 से 1055 ई तक राजा भोज ने धार पर शासन किया। बताया जाता है कि राजा भोज देवी सरस्वती के बहुत बड़े भक्त थे। इसलिए उन्होंने 1034 ई. में ही एक महाविद्यालय की स्थापना की थी। सरस्वती सदन के रुप में भोजशाला शिक्षा का बड़ा केंद्र थी। यहीं महाविद्यालय बाद में ‘भोजशाला’ के नाम से जानी जाने लगी। इस स्थान से हिंदू धर्म के लोगों का आस्था जुड़ा हुआ है।
भोजशाला को लेकर विवाद क्या है
भोजशाला को लेकर एक विवाद है। हिंदू संगठन के लोग भोजशाला को सरस्वती को समर्पित मंदिर मानते हैं। उनका मानना बै कि परमार वंश के शासनकाल के दौरान कुछ समय के लिए मुसलमानों को भोजशाला में नमाज की अनुमति दी गई थी। वहीं दूसरी ओर मुस्लिन पक्ष का कहना है कि वो भोजशाला में लंबे समय से नमाज अदा करते आ रहे है। मुस्लिम पक्ष के लोग भोजशाला को भोजशाला-कमाल मौलाना मस्जिद कहते हैं। अब ASI सर्वे के बाद स्थिति कुछ साफ हो जाएगी।