Bhojshala ASI Survey: मध्य प्रदेश के धार में स्थित भोजशाला में हाईकोर्ट के आदेश के बाद ASI का सर्वे चल रहा है। यह भोजशाला कितनी पुरानी है और यह मंदिर है या फिर मस्जिद इस बात का पता लगाने के लिए यहां पर वैज्ञानिक सर्वे चल रहा है। आज इस वैज्ञानिक सर्वे का छठा दिन है और सर्वे टीम के साथ यहां दोनों पक्षों के लोग पहुंच चुके हैं। सर्वे के लिए लाए गए मजदूरों की मेटल डिटेक्टर से जांच की गई इसके बाद उन्हें भोजशाला में प्रवेश दिया गया। सभी के मौका स्थल पर पहुंचने के बाद सर्वेक्षण का काम शुरू कर दिया गया है। अब तक आ रही जानकारी में यह बताया जा रहा है कि परिसर के सर्वे में आज क्या सामने आता है इस बारे में दोपहर 4 बजे के बाद ही कुछ बताया जा सकेगा।
मंगलवार को हुई पूजा
सर्वे के पांचवें दिन यानी कि मंगलवार को पूजन अर्चन करने के बाद काम आगे बढ़ाया गया था। यहां पर लगभग साढ़े 9 घंटे से ज्यादा काम चला। टीम सुबह 7:00 बजे भोजशाला पहुंच चुकी थी और 4:50 पर बाहर निकली। यहां पर खुदाई की गई और अंदर मिले शिलालेखों, स्तंभों और पत्थरों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करने के साथ कार्बन डेटिंग की गई।
मंगलवार होने की वजह सर्वे परिसर के पिछले हिस्से में किया गया। यहां ब्लॉक के रूप में खुदाई की गई और एक ब्लॉक को 6 फुट से ज्यादा गहरा खोदा गया है। सर्वे के दौरान आधुनिक मशीनों का उपयोग हो रहा है और 20 से 25 मजदूर भी काम पर लगाए गए हैं। पीछे जो मलबा है उसे हटाया गया है और खुदाई की गई है, सैंपल भी इकट्ठा किए गए हैं। अंदर से जितने भी प्रमाण निकल रहे हैं वह टीम के संरक्षण में रखे जा रहे हैं। सर्वेक्षण पूरा होते सच्चाई सामने आ जाएगी।
टीम के अपने स्टैंडर्ड
ASI की जो टीम भोजशाला के सर्वे में लगी हुई है। वह पूरी तरह से वैज्ञानिक तकनीक के आधार पर काम कर रही है। टीम के अपने स्टैंडर्ड और नियम है जिन पर वह अच्छी तरह से कम कर रही है। सर्वे के लिए 50 मीटर का एरिया निर्धारित किया गया है। उत्खनन, सीपीआर, जीपीएस, कार्बन डेटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग यहां पर किया जा रहा है। ग्राउंड लेवल की टीम लगातार खुदाई और मैपिंग के काम में लगी हुई है और मेजरमेंट भी लिया जा रहा है। मिट्टी के सैंपल भी इकट्ठा किए गए हैं।
5 दिन के सर्वे में क्या हुआ
- आज सर्वे का छठा दिन है और पिछले 5 दिनों से चल रहे सर्वे के दौरान टीम ने शिलालेख स्तंभ और दीवारों की बारीकी से जांच की है। सभी जगह फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी करवाई गई है। लगातार परिसर का मेजरमेंट लिया जा रहा है। नक्शा देखते हुए मूर्ति, दीवार, शिलालेख और स्तंभों का अध्ययन जारी है।
- सर्वे के दूसरे दिन गर्भगृह के पिछले हिस्से में तकनीकी पहलुओं की जांच की गई थी। पिछले के हिस्से में नींव का पता लगाने के लिए 3 फीट खुदाई भी हुई थी। यहां मौजूद कुंड की बनावट उसकी गहराई और इसमें मौजूद नक्काशी को परखा गया था।
- पहले जहां टीम के साथ 12 मजदूर थे तो तीसरे दिन उनकी संख्या 23 पर पहुंच चुकी थी। यहां पर चार ब्लॉक में से एक को 6 फीट तक खोदा गया था और बाकी में से मिट्टी हटाई गई थी।
- चौथे दिन निर्धारित किया गया 50 मीटर का एरिया मेजरमेंट करते हुए मार्क किया गया था। स्तंभों को खुरचकर कर इनके सैंपल कलेक्ट किए गए थे। यहां मौजूद स्तंभों पर जो कलाकृति बनी हुई है उनका केमिकल की सहायता से स्केच भी किया गया।
- पांचवें दिन मंगलवार होने के चलते यहां पर हिंदू पक्ष पूजन के लिए पहुंचा था। भीड़ होने के चलते भोजशाला के पिछले हिस्से में खुदाई की गई। यहां शिलालेख, स्तंभों और पत्थरों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी समेत कार्बन डेटिंग हुई।