धार/भिंड।
लोकसभा चुनाव के लिए जैसे जैसे कांग्रेस सीटों पर नामों का ऐलान करती जा रही है वैसे वैसे विरोध के स्वर भी तेजी से फूट रहे है। टिकट ना मिलने से दावेदारी घोषित प्रत्याशियों के विरोध में उतर आए है। अब धार और भिंड में लोकसभा प्रत्याशियों को विरोध देखने को मिल रहा है। धार में जहां युवा चेहरे दिनेश गिरवाल को मैदान में उतारे से पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने विरोध किया है।वही भिंड से भिंड लोकसभा से देवाशीष जरारिया को टिकट दिए जाने का जिला कांग्रेस इकाई और पार्टी पदाधिकारियों ने विरोध किया है। वही लगातार हो रहे विरोध के बाद पार्टी में हड़कंप मच गया है।
दरअसल, एमपी में कांग्रेस ने अबतक 28 उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। इसमें से कई सीटों पर विरोध देखने को मिल रहा है।बैतूल और शहडोल के बाद अब धार और भिंड में विरोध हो रहा है। धार से युवा चेहरे दिनेश गिरवाल को मैदान में उतारे जाने का वहां से दो बार (1999-2004 और 2009-2014) सांसद रहे गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने विरोध किया है। राजूखेड़ी 1990 में भाजपा से विधायक भी रह चुके हैं, बाद में वे कांग्रेस में शामिल हुए। राजूखेड़ी को टिकट दिए जाने का राज्य सरकार में मंत्री सुरेंद्र सिंह बघेल, पांचीलाल मेड़ा और प्रताप ग्रेवाल समर्थन कर रहे थे, लेकिन उन्हें टिकट नहीं मिला।गिरवाल की धार में जिला पंचायत सदस्य हैं और वे युवा कांग्रेस के सचिव भी हैं।
वही भिंड लोकसभा से देवाशीष जरारिया को टिकट दिए जाने का जिला कांग्रेस इकाई और पार्टी पदाधिकारियों ने विरोध किया है। हालांकि खुलकर कोई मैदान में सामने नहीं आया है। जरारिया के बारे में यह भी चर्चा है कि बीते साल 2 अप्रैल 18 को ग्वालियर चंबल क्षेत्र में हुई सामाजिक आंदोलन के दौरान उन्होंने एक वर्ग विशेष के प्रति गलत शब्दों का प्रयोग किया था जो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसका खमियाजा पार्टी को भुगतना पड़ सकता है। उनके विरोध की वजह यह भी है कि वे महज छह महीने पहले बसपा छोड़कर कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए हैं। बताया जा रहा है कि स्थानीय कर्यकर्ता ज्योतिरादित्य सिंधिया के संसदीय क्षेत्र गुना-शिवपुरी चले गए हैं।
जरारिया सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं। जेएनयू के छात्र भी रहे हैं। वे विधानसभा चुनाव के पहले ही कांग्रेस में शामिल हुए। सीएम कमलनाथ का उन्हें समर्थन प्राप्त था और उनके नाम को केंद्रीय चुनाव समिति से पहले ही मंजूरी मिल चुकी थी। इस सीट से मुरैना से पूर्व सांसद रह चुके बारेलाल जाटव के नाम की भी चर्चा थी, लेकिन पार्टी ने युवा चेहरे को तरजीह दी। इससे पहले शहडोल और बैतूल में विरोध देखने को मिला था। अभी भी यह मामला शांत नही हुआ है।