MP Tourism: मध्य प्रदेश में घूमने फिरने के लिए कई सारे ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल मौजूद है। बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन को तीर्थों की नगरी कहा जाता है। क्योंकि यहां एक नहीं अनेकों ऐसे मंदिर हैं जो अपने चमत्कार के चलते पहचाने जाते हैं। श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के साथ उज्जैन में 84 महादेव भी मौजूद हैं, जो भक्तों की आस्था का केंद्र है सावन और अधिक मास में इनकी विशेष तौर पर आराधना की जाती है।
84 महादेव के मंदिरों में 3 महादेव मंदिर ऐसे हैं। जिनके दर्शन पूजन से ग्रह नक्षत्रों का दोष समाप्त हो जाता है। इनमें अगस्तेश्वर महादेव, गुहेश्वर महादेव और ढूंढेश्वर महादेव शामिल हैं। आज हम आपको कार्तिक मास में उत्पन्न हुए ढूंढेश्वर महादेव के महत्व के बारे में बताते हैं।
ढूंढेश्वर महादेव के दर्शन से कार्तिक स्नान का फल
84 महादेव में इस मंदिर का स्थान तीसरा आता है। मान्यताओं के मुताबिक इस मंदिर में महादेव के दर्शन करने भर से कार्तिक मास में स्नान करने का पुण्य प्राप्त होता है। कार्तिक पूर्णिमा पर यहां दीपदान करने का विशेष महत्व माना जाता है और बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां दीपदान के लिए पहुंचते हैं।
पापों से मिलती है मुक्ति
इस महादेव मंदिर की महिमा बहुत ही निराली है और भक्त यहां अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। मान्यताओं के मुताबिक यहां पूजन अर्चन करने से व्यक्ति को समस्त प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है और उसकी प्रतिष्ठा बनी रहती है। यह भी माना जाता है कि अगर कोई व्यक्ति अपने खोए हुए सामान के वापस मिलने की कामना के साथ महादेव का ध्यान करता है और पूजन अर्चन करता है, तो उसे अपना सामान वापस मिल जाता है।
यहां है शिव मंदिर
शिव मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बने राम घाट पर स्थित दत्त अखाड़ा के ठीक सामने मौजूद है। इस मंदिर के उत्तर मुखी प्रवेश द्वार के ऊपर श्री गणेश की मूर्ति स्थापित है। गर्भगृह में 1 फीट ऊंचा शिवलिंग स्थापित है, जिसकी जलाधारी के एक और सूर्य और दूसरी तरफ चंद्रमा की प्रतिकृति बनी हुई है। यहां माता पार्वती की मूर्ति भी स्थापित है और ठीक सामने मोक्षदायिनी मां शिप्रा प्रवाहमान है।