सरकारी आंकड़ों में दिखाई 3 दिन में कोरोना से 6 मौत, कांग्रेस बोली लिस्ट जारी करें

Atul Saxena
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बालाघाट, सुनील कोरे। कोरोना महामारी में मौत के आंकड़ों को लेकर सवाल खड़े कर रही कांग्रेस को एक ऐसा सरकारी आंकड़ा हाथ लग गया है जिसके बलबूते पर वो अब मुखर होकर सरकार से सवाल कर रही है।  दरअसल बालाघाट के स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों कोरोना के जो हेल्थ बुलेटिन जारी किये हैं उसमें दिए मौत के आंकड़ों पर कांग्रेस ने सवाल खड़े किये हैं। जिला प्रशासन के 14 जुलाई और 20 जुलाई के कोरोना हेल्थ बुलेटिन में मौत के आंकड़े का अंतर 64 से बढ़कर 70 हो गया जो शंका पैदा कर रहा है। कांगेस जिला प्रशासन से सभी 70 मृतकों की लिस्ट मांग रही है।

प्रदेश में केारेाना वायरस की दूसरी लहर का असर काफी हद तक कम हो गया है। हालांकि, अभी भी संकट पूरी तरह से टला नहीं है, इस महामारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग पर कई तरह के सवाल खड़े किये गये। खासकर कोरोनो से मौत हो लेकर प्रदेश सहित जिले में कांग्रेस हमलावर है, जहां प्रदेश में विपक्ष लगातार कोरोना से मौत हो लेकर सरकार पर आंकड़े छिपाने का आरोप लगा रहा है, वहीं प्रदेश सहित जिलो में कोरोना से मौतों के आंकड़ों को लेकर कांग्रेस ने कोरोना योद्धा की टीम भी गठित कर दी है, ताकि सरकार के आंकड़े और कांग्रेस के कोरोना योद्धा से मिलने वाले आंकड़े को आम जनता के सामने रखकर, प्रदेश की जनता को कोरोना से होने वाली मौत के आंकड़ों की वास्तविकता का पता चल सके।

बालाघाट में भी बीते जुलाई को मौत का आंकड़ा बढ़ने से कई तरह के सवाल खड़े हो रहे है, स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते है कि 16 जुलाई तक कोरोनो से मौत होने का आंकड़ा 64 था, जबकि यही आंकड़ा 20 जुलाई को बढ़कर 70 हो गया। बालाघाट में कोरोना से 3 दिनों 6 लोगों की मौत कब और कहां हुई? यह जांच का विषय है, लेकिन 16 से 20 जुलाई के बीच जारी कोरोना बुलेटिन के आंकड़े में 6 लोगों की मौत के आंकड़े बढ़ने से कई सवाल खड़े हो गये है, जहां इसको लेकर स्वास्थ्य प्रबंधन का जवाब संतुष्टजनक नहीं है, वहीं कांग्रेस ने चोरी छिपे बढ़ाये जा रहे कोरोना से मौत के आंकड़ो को लेकर स्वास्थ्य प्रबंधन पर सवाल खड़े करते हुए इसकी जानकारी सार्वजनिक किये जाने और प्रशासन से मामले में जांच किये जाने की मांग की है।

जिले में कोरोना की थमी रफ्तार पर मौत के आंकड़े बढ़े 

बीते माह से जिले में कोरोना की रफ्तार लगभग थम सी गई है। जिले में कोरोना की टेस्टिंग लगातार जारी है जिसमें नये मरीज सामने नहीं आ रहे हैं, हालांकि बीते 13 अप्रैल के बाद लगभग 13 बाद दिन 27 अप्रैल को एक मरीज कोरोना पॉजिटिव आया था। जिसमें भी अस्पताल और होम आईसोलेशन में भर्ती मरीजों की संख्या उंगलियों में गिने जाने लायक थी, लेकिन इसी मौत के आंकड़े 64 से बढ़कर 70 हो गये। जिस पर अब सवाल खड़े हो रहे है। बीते 14 जुलाई को कोरोना पॉजिटिव आये एक व्यक्ति को लेकर जनसंपर्क कार्यालय से जो जानकारी कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने को लेकर दी गई थी। उस दिन तक 64 मरीजों की मृत्यु हो गई थी और उस दिन केवल दो ही एक्टिव मरीज थे। जिसके बाद फिर प्रशासनिक जानकारी के अनुसार कोई पॉजिटिव मरीज नहीं आया था, लेकिन 16 जुलाई तक जो मौत का आंकड़ा 64 था, वह 20 जुलाई को 70 हो गया। 3 दिन में 6 लोगों की मौत? एक बड़ा सवाल है। यह हम नहीं बल्कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा जनसंपर्क विभाग के माध्यम से भेजे जाने वाले आंकड़े कह रहे है। जो कोविड से मौत के आंकड़े पर संशय पैदा करता है, तीन दिन में 6 लोगों की कोविड से मौत, कब कहां और कैसे हुई? चूंकि 16 के बाद से जनसंपर्क विभाग द्वारा सीधे 22 को समाचार जारी किया गया। जबकि 14 से 22 के बीच केवल केवल बुलेटिन आंकड़े जारी किये गये, जिसमें सीधे 6 लोगों की मौत का आंकड़ा बढ़ जाना, अपने आप में एक बड़ा सवाल खड़े करता है।

14 से 22 तक जारी किये गये कोरोना समाचार बयां करते है आंकड़े

जिले में कोरोना महामारी में लगातार स्वास्थ्य विभाग से कोरोना को लेकर जिला जनसंपर्क विभाग द्वारा समाचार पत्रों के लिए समाचार जारी किये जा रहे है। इसी बीच 16 जुलाई से 20 जुलाई के बीच 6 लोगों की कोरोना से मौत ने एकाएक बढ़े आंकड़े को लेकर असंमजस पैदा कर दिया है, जिला जनसंपर्क विभाग द्वारा 14 जुलाई  से 22 जुलाई तक जारी किये गये समाचारों के अनुसार 14 जुलाई को 01 मरीज का सैंपल कोरोना पाजेटिव आया था। जबकि 02 मरीजों को डिस्चार्ज कर देने के बाद एक्टिव मरीजों की संख्या 02 रह गई थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने बताया था कि बालाघाट जिले में 14 जुलाई तक कुल 9087 मरीज कोरोना पॉजिटिव पाये गए हैं। जिसमें 14 जुलाई तक 64 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। इसी प्रकार 16 जुलाई को किसी भी मरीज का सैंपल कोरोना पॉजिटिव नहीं आया था और एक मरीज को छुट्टी दे देने के बाद जिले में कोरोना एक्टिव मरीजों की संख्या 01 रह गई थी। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि बालाघाट जिले में 16 जुलाई तक कुल 9087 मरीज कोरोना पाजेटिव पाये गये हैं। इनमें से 9022 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। जिले मे 16 जुलाई तक 64 मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। जबकि इस दौरान समाचार न जारी कर 20 जुलाई को सीधे बुलेटिन जारी किया गया। जिसमें कोरोना से मौत का आंकड़ा बढ़कर 70 हो गया था।

सरकारी आंकड़ों में दिखाई 3 दिन में कोरोना से 6 मौत, कांग्रेस बोली लिस्ट जारी करें

CMHO साहब को ही नहीं है सही जानकारी

इस मामले में जब हमने स्वास्थ्य विभाग के सीएचएमओ डॉ. मनोज पांडेय से चर्चा की तो पहले तो उन्होंने कहा कि देखकर बताना पड़ेगा। फिर कहा कि बाहर के लोग हो सकते हैं जिनकी बाद में रिपोर्टिंग हुई होगी या फिर पुराने आंकड़े अपडेट हुए होंगे। हालांकि उन्होंने दावा किया कि यह कोई नये आंकड़े नहीं है, बीते महीने भर से किसी की कोई मौत कोरोना से नहीं हुई है। हो सकता है कि कोरोना से मौत के आंकड़े दर्शाते समय छूटे होंगे, जिन्हें अभी जोड़ा गया होगा। सीएचएमओ साहब का जवाब कई सवाल खड़े करता है। जब बाहर हुई कोरोना की मौत, हमारे यहां दर्ज नहीं होती तो फिर यह कैसे हो सकता है कि बाहर के किसी के मौत के आंकड़े जिले के आंकड़े में जोड़े गये? दूसरा सवाल कोरोना की दूसरी लहर में मौत के आंकड़े यदि छूटे है और अभी जोड़े जा रहे हैं तो इसमें किसकी गलती है? हालांकि अब बात निकली है तो दूर तलक जायेगी। जिसका जवाब भी प्रशासन को देना होगा।

कांग्रेस ने मांगी बढ़ी कोरोना मृतकों की लिस्ट 

कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना से मौत को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर वास्तविक आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते रही है। अब जब जिले में कोई मौतें कोरोना से नहीं होने के बावजूद आंकड़े में 6 लोगों की मौत हो जाने पर कांग्रेस ने कोरोना से मौत के आंकड़ों की जानकारी मांगी है। कांग्रेस प्रवक्ता विशाल बिसेन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग को बताना चाहिये कि यह मौतें कहां हुई है? कौन है और कहां के है और यदि लोगों की कोरोना से मौते हुई है तो कहीं कोरोना फैल तो नहीं रहा है, जिस पर स्वास्थ्य विभाग को नजर रखनी चाहिये। कांग्रेस प्रवक्ता बिसेन ने तो जिले के सभी 70 कोरोना से मृतकों की सूची जारी किये जाने की मांग की है ताकि शासन द्वारा कोविड से मरने वाले को जो लाभ देने की बात कर रहा है वह वास्तविक हकदार को मिल सके।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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