मासूम बेटे की मौत से दुखी पिता ने उठाया बड़ा कदम, फांसी लगाकर की आत्महत्या

Atul Saxena
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गुना, संदीप दीक्षित। शिक्षा विभाग की प्रौढ़ शिक्षा विंग में पदस्थ एक क्लर्क ने फांसी लगाकर आत्महत्या (Education department clerk committed suicide) कर ली। उसका शव पटेल नगर स्थित उसके घर में ही लटका मिला, वो यहाँ किराये से रहता था। क्लर्क लखन कुमार ढेहरिया कई दिनों से परेशान था, वो अपने मासूम बेटे की मौत से दुखी था।

कैंट थाने में पदस्थ जांच अधिकारी कांताराव ने बताया कि सोमवार शाम 6 बजे थाने में सूचना आई थी कि एक व्यक्ति ने आत्महत्या कर ली है उसका शव फांसी के फंदे पर लटका है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर पूरी जांच की, पता चला कि मृतक की पत्नी अशोकनगर जिले के गांव भरलौरी स्थित अपने मायके में दिवाली से पहले ही चली गई थी। वह अपने साथ अपनी दो बेटी उम्र 7 और 3 साल को भी ले गई थी।

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महिला अपने बच्चों के साथ सोमवार शाम 5 बजे वापस लौटी तो घर का दरवाजा बंद था। अंदर देखा तो लखन का शव फंदे पर लटका मिला। महिला ने तुरंत इसकी जानकारी पड़ोसियों को दी, इसके बाद लोग जमा हुए। फिर पुलिस पहुंची और शव को रात में ही कब्जे में लेकर अस्पताल लेकर आई।

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नवजात बेटे की मौत से था दुखी –  पुलिस का कहना है कि लखन ढेहरिया की 2 बेटियां हैं। तीसरी संतान का जन्म 5 माह पहले हुआ था। लखन बेटे की चाहत रखता था। लंबे समय बाद बेटे का जन्म हुआ था लेकिन उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद से ही वह लगातार तनाव में था और दुखी भी रहने लगा था। प्रारंभिक जांच की आत्महत्या की वजह बेटे की मौत (death of the innocent father committed suicide) बताई जा रही है। लेकिन पुलिस पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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