Guna News: मीना समाज को अनुसूचित जनजाति वर्ग में शामिल करने की मांग जोर पकड़ रही है। आदिवासी मीना, मांझी, कीर, पारधी अधिकार संरक्षण परिषद के संयुक्त तत्वावधान में मीना समाज द्वारा अब नईदिल्ली तक आवाज बुलंद की जा रही है। 21 दिसम्बर को मीना समाज का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली पहुंचा। यहां केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह को ज्ञापन दिया गया। इसके अलावा संरक्षण परिषद के साथ जंतर-मंतर पर धरना भी दिया गया।
सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना का हुआ जोरदार स्वागत
मीना समाज ने स्पष्ट कर दिया है कि वह गांधीवादी तरीके से समाज हित की आवाज बुलंद करते रहें। इसी दौरान मध्यप्रदेश मीना समाज के प्रतिनिधिमंडल ने प्रदेश अध्यक्ष जगदीश सिंह मीना के नेतृत्व में राजस्थान से राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना से मुलाकात की। दिल्ली पहुंचे समाजजनों ने सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना का जोरदार स्वागत किया। उन्हें पगड़ी पहनाई गई और पुष्पगुच्छ भेंट किए गए।
ये लोग हुए शामिल
समाज के मध्यप्रदेश अध्यक्ष जगदीश सिंह मीना ने राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीना से मध्यप्रदेश में समाज को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने सहित विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की। इसके अलावा स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर की समस्याओं से भी अवगत कराया। इस मौके संगठन महामंत्री एडवोकेट संतोष मीना, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष गजेंद्र सिंह रावत, महिला प्रदेश अध्यक्ष रेखा पचवार्या, मनोहर मीना, प्रदेश प्रवक्ता डॉ. लक्ष्मी मीना, प्रदेश प्रचार मंत्री बीएल मारण, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य विमल मीना, गुना जिला अध्यक्ष अनुरोध मीना, भोपाल से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष लखन मीना, मुरैना से वीर सिंह रावत, गुलशन मीना भी शामिल रहे।
जनजाति मंत्री रेणुका सिंह को दिया ज्ञापन
मीना समाज के मध्यप्रदेश अध्यक्ष जगदीश सिंह मीना के नेतृत्व में समाज ने केंद्रीय जनजाति राज्यमंत्री रेणुका सिंह को दिल्ली में ज्ञापन दिया है। इस ज्ञापन में कहा गया है कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने साल 1982 में आदेश जारी कर एक राज्य सेदूसरे राज्यों में रोजी-रोटी एवं शिक्षा के उद्देश्य से पलायन करने वाली जातियों के जाति प्रमाण पत्र प्राप्त करने की समस्या को बहुत हद तक हल कर दिया है। उक्त आदेश राजस्थान से पलायन या प्रवासित कर मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में बसने वाली मीना जाति के अनेक व्यक्तियों को अनुसूचित जनजाति का प्रमाण पत्र प्राप्त करने की समस्या का निवारण नहीं कर पा रहा है।
ये है मीना समाज की मांग
उक्त आदेश केवल उन लोगों को जाति प्रमाण पत्र जारी करने की सिफारिश करता है, जिसके पास अपने माता-पिता का अपने मूल राज्य राजस्थान से वैध प्राधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र उपलब्ध है। मध्यप्रदेश में जाति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन करने पर अधिकारियों द्वारा माता-पिता को राजस्थान राज्य से जारी किया हुआ जाति प्रमाण पत्र मांगा जाता है। क्योंकि मध्यप्रदेश के लोग काफी समय पूर्व राजस्थान से आए हैं, इसलिए उनके पास उनके माता-पिता का जाति प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं है। इसलिए मीना समाज ने मांग की है कि गृह मंत्रालय के उक्त आदेश में संशोधन करते हुए माता-पिता के प्रमाण पत्र को प्रस्तुत करने की शर्त हटाकर संपूर्ण मध्यप्रदेश में निवासरत मीना जाति के लोगों को अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राजस्थान राज्य की प्रवासी जाति मानते हुए एक आदेश जारी करवाया जाए।