गुना। गुना रेलवे स्टेशन की स्थापना के 140 वर्षों बाद लाइन का दोहरीकरण हो गया है। रेलवे लाइन के दोहरीकरण होने के साथ ही ट्रेनों की क्रॉसिंग होने का कारण जो समय खराब होता था उससे छुटकारा मिल गया है। 25 किमी सेक्शन के लाइन दोहरीकरण को कमिश्नर ऑफ़ रेलवे सेफ्टी ने भी हरी झंडी दिखा दी है। डबलिंग कार्य होने के कारण अब यात्रियों का सफर भी सुगम हो गया है।
दरअसल BINA -GUNA -KOTA लाइन 140 साल पहले बनी थी। जिसके ऊपर गुना रेवले स्टेशन का निर्माण सन 1897 में हुआ था। 80 दशक तक ये रेलवे लाइन उपेक्षित रही। इस लाइन के ऊपर केवल 4 पैसेंजर ट्रेने ही संचालित थी। बाद में जब माधवराव सिंधिया रेलमंत्री बने तो अंचल की रेलसेवाओं का कायाकल्प होना शुरू हो गया। इस दौरान औद्योगिकीकरण की प्रक्रिया के तहत गुना एवं राजस्थान में कई प्लांट बने जिससे इस ट्रैक का महत्व बढ़ गया। खाकर मालगाड़ियों का दबाव इस कदर बढ़ा की लाइन के दोहरीकरण की मांग ने तेज़ी पकड़ ली। इस सेक्शन को पश्चिम – मध्य रेलवे का सबसे ज्यादा मुनाफा कमा कर देने वाला सेक्शन भी कहा जाता है।
अब तक सिंगल लाइन होने की वजह से ट्रेनों की आपस में क्रॉसिंग होने के कारण काफी समय वेस्ट होता था। लेकिन अब अशोकनगर से पीलीघटा तक ट्रेने बिना रोके गुजारी जा सकेंगी। दोहरीकरण के चलते यात्रियों को भी खासा लाभ हुआ है। क्योंकि आने वाले समय में इस रुट पर और भी ट्रेने चलाई जा सकती हैं। बहरहाल दोहरीकरण के चलते पिछले 20 दिनों से बंद पड़ी गुना – बीना पैसेंजर, भोपाल – ग्वालियर इंटरसिटी , ग्वालियर – बीना – दमोह पैसेंजर ,साबरमती एक्सप्रेस समेत तमाम ट्रेनों की आवाजाही भी बहाल हो गई है।