कोरोना और उपचुनाव के मद्देनजर प्रशासन ने किए ऑनलाइन नामांकन के पुख्ता इंतजाम

Gaurav Sharma
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गुना, विजय कुमार। जिले की बमोरी विधानसभा सीट पर चुनावी बिगुल बज गया है। इस क्षेत्र के चुनावी इतिहास में पहला मौका है, जब प्रत्याशी ढोल-ढमाकों के बिना भी घर बैठे ऑनलाइन नामंकन दाखिल कर सकेंगे। उसके बाद प्रत्याशी का कोई भी नजदीकी व्यक्ति ऑनलाइन भरे नामांकन का प्रिंट निकालकर रिटर्निंग ऑफिसर को जमा कर सकता है। राज्य निर्वाचन आयोग ने उम्मीदवार और उनके समर्थकों को कोरोना संक्रमण से बचाने को लेकर यह फैसला लिया गया है। इस संबंध में कलेक्टर को भी निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उधर, मतदान केंद्रों पर वोट डालने से पहले मतदाताओं को ढाई लाख मास्क जिला निर्वाचन आयोग वितरित करेगा।

जिला निर्वाचन आयोग को दिए गए ये निर्देश

प्रदेश की 28 विधानसभा क्षेत्रों में होने वाले उपचुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने तैयारी कर ली है। प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए ऑनलाइन नामांकन भरवाने के निर्देश जिला निर्वाचन आयोग को दिए गए हैं। अहम बात यह कि बमोरी विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव को देखते हुए मतदान सामग्री के साथ 2 लाख 50 हजार मास्क और सैनिटाइजर भेजे जाएंगे। निर्वाचन आयोग की इस पहल का राजनीतिक दलों ने भी समर्थन किया है। उपचुनाव में कोविड-19 से बचने को लेकर पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग ने पहल की है।

50 लाख की लागत से आएंगे मास्क और सैनिटाइजर

जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि 50 लाख की लागत से उपचुनाव में मतदाताओं के लिए सैनिटाइजर और मास्क की व्यवस्था की जा रही है। इसको लेकर बजट का प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी सहित चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारी फेस कवर लगाकर काम करेंगे। मतदान केंद्र के बाहर सैनिटाइज मशीन रखी जाएगी। इसके साथ ही मतदाताओं को मतदान केंद्र पर प्रवेश करने से पहले मास्क का वितरण किया जाएगा। जिला निर्वाचन अधिकारी कुमार पुरुषोत्तम ने बताया कि राजस्थान से 12 जिलों के कलेक्टर और एसपी उपचुनाव को देखते हुए गुना के कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में बैठक करेंगे। इस दौरान राज्य और जिलों की सीमों की नाकेबंदी और निगरानी को लेकर समीक्षा की जाएगी।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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