ग्वालियर, अतुल सक्सेना। विकास के नाम पर सड़कें खोदकर वैसी ही छोड़ने वाले विभाग के अधिकारियों की अब खैर नहीं है , कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Koshalendra Vikram Singh) ने साफ़ कर दिया है कि सड़कों को खराब करना अपराध की श्रेणी में आता है। इसलिए जल-जीवन मिशन के तहत ग्रामीण अंचल में पाइप लाइन डालने से क्षतिग्रस्त होने वाली सड़कों को साथ-साथ में मूलरूप में लाया जाए, जिससे ग्रामीणों को बेवजह परेशानी न उठानी पड़े। यदि सड़कें दुरूस्त नहीं कराई गईं तो लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री व उपयंत्री सहित संबंधित ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हर योजना में सड़कों की मरम्मत कराने का स्पष्ट प्रावधान होता है।
रविवार को कलेक्ट्रेट सभागार में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Koshalendra Vikram Singh) एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी किशोर कान्याल (Kishore Kanyal) ने विभागीय अधिकारियों की मैराथन बैठक ली। इस बैठक के माध्यम से ग्रामीण विकास, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला-बाल विकास, स्वास्थ्य, स्कूल शिक्षा व जनजाति कल्याण सहित अन्य विभागों की योजनाओं की समीक्षा की गई । बैठक में जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. विजय दुबे सहित संबंधित विभागों के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
हरा घर में पहुंचे पानी, ख़राब सड़कें सुधरें वर्ना होगी FIR
कलेक्टर श्री सिंह ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को साफ तौर पर ताकीद किया कि सरकार की मंशा के अनुरूप जल-जीवन मिशन के तहत हर घर तक नल की टोंटी से पानी पहुँचाए। इस काम में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने निर्देश दिए कि जहां भी पाइप लाइन डालने के लिए सड़कों की खुदाई की गई है उनकी मरम्मत कर मूल रूप में लाया जाए। श्री सिंह ने निर्देश दिए कि जिला स्तर से दल बनाकर सर्वे कराएं कि किस-किस गाँव में पाइप लाईन डालने से सीसी रोड़ खराब हुई हैं और समयबद्ध कार्यक्रम के तहत इन सड़कों की मरम्मत कराएँ। और यदि सड़कें ठीक नहीं हुई तो विभाग के इंजीनियरों और ठेकेदार को FIR का सामना करना होगा।
मनरेगा के काम ऐसे हों जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिले
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने महात्मा गाँधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत चल रहे विकास कार्यों की विकासखण्ड व ग्राम पंचायतवार समीक्षा की। उन्होंने कहा अधूरे काम पूरी गुणवत्ता के साथ जल्द से जल्द पूरे कराए जाएँ। साथ ही इस बात का ध्यान रहे कि इन कार्यों से हर स्थानीय जरूरतमंद को अपने गाँव के समीप ही रोजगार मिले। यदि कहीं से रोजगार न मिलने की शिकायत आई तो संबंधित जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जवाबदेह होंगे। उन्होंने ग्रेवल रोड़ के स्थान पर सीसी व बीटी रोड़ बनाने पर बल दिया। कलेक्टर ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की अन्य विकास योजनाओं के तहत चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा भी की। श्री सिंह ने ग्राम राहुली के सामुदायिक भवन का निर्माण न शुरू होने पर नाराजगी जताई और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा के सहायक यंत्री को निर्देश दिए कि वन विभाग के अधिकारियों से समन्वय बनाकर जल्द ही यह काम शुरू कराएं, अन्यथा सख्त कार्रवाई की जायेगी।
इन विभागों को भी सख्त निर्देश
कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा के दौरान जोर देकर कहा कि प्रावधान के अनुसार हर नर्सिंग कॉलेज में बैड व ऑक्सीजन इत्यादि का इंतजाम होना अनिवार्य है। जिन नर्सिंग कॉलेज द्वारा अभी तक बैड का इंतजाम नहीं किया गया है उनकी मान्यता तत्परता से निरस्त करें। साथ ही बगैर मान्यता के जो नर्सिंग कॉलेज अवैध भवन में चल रहे हैं, उनके भवन तोड़ने की कार्रवाई भी की जाए। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने आंगनबाड़ी केन्द्रों में पेयजल, बिजली व शौचालय की पुख्ता व्यवस्था करने पर विशेष बल दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि आंगनबाड़ी में भी नल की टोंटी के जरिए पेयजल व शौचालय के लिए पानी की सप्लाई सुनिश्चित कराएँ। साथ ही हर आंगनबाड़ी केन्द्र में बिजली व शौचालय की व्यवस्था अनिवार्य रूप से हो। उधर स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (सांसद एवं विधायक निधि) के कार्यों को तेजी से पूर्ण कराने के निर्देश कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में दिए। उन्होंने कहा सांसद एवं विधायक निधि के कार्यों में गुणवत्ता से कदापि समझौता न हो, अन्यथा संबंधित कार्य एजेन्सी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।