ग्वालियर, अतुल सक्सेना। तमाम सख्ती के बाद भी चिटफंड माफिया (Chit fund mafia) बेखौफ लोगों को झांसा देकर उनकी गाढ़ी कमाई पर नजरे जमाये बैठा है। सूचना के बाद ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) ने शहर के व्यस्त बाजार में छापा मारकर दो कमरों में चल रही तीन चिटफंड कंपनी के बोगस कारोबार का खुलासा किया है। शुरुआती जांच में पता चला है कि अकेली एक ही कंपनी ने ही रुपये दो गुना करने का झांसा देकर 8 करोड़ रुपये जमा करवाये हैं। प्रशासन ने कंपनियों के दफ्तरों को सील कर दिया है।
ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) ने दाल बाजार में दो कमरों में संचालित तीन चिटफंड कंपनियों पर छापा मारकर उनके गैर कानूनी कारोबार का खुलासा किया है। इसमें एक कंपनी कॉपरेटिव के नाम पर काम करती थी। जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन को सूचना मिली थी कि दाल बाजार में केनरा बैंक के सामने कुछ कंपनियां बैंक की तरह व्यापार कर रही हैं। SDM अनिल बनवारिया ने कोतवाली टी आई राजीव गुप्ता के साथ मिलकर जब यहाँ छापा मारा तो दो कमरों में तीन चिटफंड कंपनियां काम करती हुई मिलीं। प्रशासन की टीम को यूनाइटेड क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, उपकार वैल्थ इंडिया निधि लिमिटेड और बंधन बचत साख सहकारी संस्था संचालित होती मिली। टीम को यहाँ यूनाइटेड क्रेडिट कॉपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड का मुखिया विपिन झा मिला। शुरुआती पूछताछ में विपिन ने बताया कि उसने अब तक 762 लोगों से 8 करोड़ रुपये जमा कराये हैं।
आठ तरह के खातों में जमा कराते थे रकम
पूछताछ में पता चला है कि ये सोसाइटी पैसे दोगुना करने के नाम पर पैसे जमा कराते थे। ये लोग आठ तरह के खातों में रकम जमा करवाते थे। जिनमें बचत खाता, चालू खाता, सावधि जमा खाता (FDR) , आवर्धि जमा खाता (RD), मासिक पेंशन योजना (MIS) दैनिक जमा योजना, लाडली बिटिया विवाह योजना और आजीवन पेंशन योजना में पैसा जमा करवाते थे। इसी तरह प्राथमिक ऋण, वाहन ऋण, सावधि जमा खाते पर ऋण, उपभोक्ता ऋण, स्वर्ण आभूषण ऋण, दैनिक समृद्धि खाते पर ऋण, भवन ऋण और ओवर ड्राफ्ट लिमिट के नाम पर ऋण देते थे। प्रशासन की पुलिस की टीम ने जब विपिन से पुत्र की तो वो गोलमोल जवाब देता रहा। पता ये भी चला है कि कंपनी की शाखाएँ भितरवार, पिछोर, डबरा एवं शिवपुरी (करैरा) में भी हैं।
प्रशासन के सील किये कंपनियों के दफ्तर
SDM अनिल बनवारिया ने बताया कि यूनाइटेड क्रेडिट के अलावा जो दो अन्य कंपनियां मिली है सभी के दस्तावेज चैक किये जायेंगे। उनकी जांच की जायेगी फिर FIR की जायेगी। फिलहाल तीनों कंपनियों के दफ्तरों को सील कर दिया गया है।