शुगर मिल कॉलोनी में भू-माफियाओं का आतंक, निवासियों को सता रहा बेघर होने का डर, पुलिस के पास शिकायत दर्ज 

भू-माफिया अवैध तरीके से शुगर मिल कॉलोनी की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मामले की शिकायत निवासियों ने पुलिस के पास दर्ज करवाई है। आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग भी की है।

Manisha Kumari Pandey
Published on -

Dabra News: डबरा में स्थित शुगर मिल कॉलोनी के निवासी भू-माफियाओं के आतंक से परेशान हैं। इसकी शिकायत उन्होनें डबरा पुलिस थाने में दर्ज करवाई है। निवासियों का कहना है कि भू-माफिया जमीन के कागजों में हेराफेरी करते हैं। इन साजिशों से उन्हें बेघर होने का डर भी सता रहा है। शुक्रवार को 100 से अधिक पुरुष और महिलाएं सामूहिक रूप से सिटी थाने पहुंचे। साथ ही थाना प्रभारी को आवेदन भी सौंपा।

निवासियों ने बताया कि शुगर मिल कॉलोनी की जमीन पर बने क्वार्टरों को अवैध तरीके से खाली कराया जा रहा है। ग्वालियर के अशोक सिंह एवं अन्य लोगों ने यह जमीन खरीदी है। उनके गुंडे शुगर मिल कॉलोनी में बने मकानों को तोड़ने और कब्जा करने की कोशिश में जुटे हैं। यहाँ रह रहे परिवारों को भी धमकाया जा रहा है।

शुगर मिल के मालिक पर लगाए गंभीर आरोप

शुगर मिल कॉलोनी ने सभी परिवार इस मामले को लेकर ग्वालियर कलेक्टर, डबरा एसडीएम और पुलिस में भी अपनी शिकायत दर्ज करवा चुके हैं। लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई प्रशासन द्वारा नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने यह भी कहा, “हमने शुगर मिल में सालों नौकरी की है और लाखों रुपये का भुगतान आज भी बकाया है। इसके बावजूद शुगर मिल मालिक ने  बकाया राशि चुकाने के बजाय जमीन को अवैध रूप से बेच दिया।”

स्थानीय लोगों ने बताया कि जमीन शुगर मिल एग्रीकल्चर की थी। हाई कोर्ट ने शुगर मिल मालिक को 40 बीघा जमीन बेचने की अनुमति दी थी। लेकिन इसके बाद भी सैकड़ों बीघा जमीन भू-माफियाओं के हाथ बेची गई। अब भू-माफिया पूरी कॉलोनी को खाली कराने की कोशिश में जुटे हैं।

पुलिस ने शुरू की जांच

पुलिस ने निवासियों की शिकायत मिलने पर जांच भी शुरू कर दी है। निवासियों ने प्रशासन से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने के साथ-साथ दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की  है।

 


About Author
Manisha Kumari Pandey

Manisha Kumari Pandey

पत्रकारिता जनकल्याण का माध्यम है। एक पत्रकार का काम नई जानकारी को उजागर करना और उस जानकारी को एक संदर्भ में रखना है। ताकि उस जानकारी का इस्तेमाल मानव की स्थिति को सुधारने में हो सकें। देश और दुनिया धीरे–धीरे बदल रही है। आधुनिक जनसंपर्क का विस्तार भी हो रहा है। लेकिन एक पत्रकार का किरदार वैसा ही जैसे आजादी के पहले था। समाज के मुद्दों को समाज तक पहुंचाना। स्वयं के लाभ को न देख सेवा को प्राथमिकता देना यही पत्रकारिता है।अच्छी पत्रकारिता बेहतर दुनिया बनाने की क्षमता रखती है। इसलिए भारतीय संविधान में पत्रकारिता को चौथा स्तंभ बताया गया है। हेनरी ल्यूस ने कहा है, " प्रकाशन एक व्यवसाय है, लेकिन पत्रकारिता कभी व्यवसाय नहीं थी और आज भी नहीं है और न ही यह कोई पेशा है।" पत्रकारिता समाजसेवा है और मुझे गर्व है कि "मैं एक पत्रकार हूं।"

Other Latest News