Gwalior Asha Worker Strike : पिछले 18 दिन से धरने पर बैठीं आशा कार्यकर्ताओं से मिलने सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं आया है, उनका गुस्सा बढ़ता जा रहा है और आज उन्होंने अपने गुस्से का इजहार करते हुए ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का घेराव किया, आशा कार्यकर्ताओं ने एक मांग पत्र ऊर्जा मंत्री को सौंपा और चेतावनी दी कि यदि हमारी मांगें नहीं मानी गई तो पूरे प्रदेश की आशा कार्यकर्ता भोपाल तक पद यात्रा करेंगी।
18 दिन से जारी है आशा कार्यकर्ताओं का धरना
ग्वालियर में फूलबाग चौराहे के पास पिछले 18 दिन से आशा कार्यकर्ता अपने मानदेय में वृद्धि और उन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित किये जाने की मांग के साथ धरने पर हैं, इनका आन्दोलन लगातार जारी है फिर भी अभी तक सरकार का कोई भी प्रतिनिधि इनके पास नहीं पहुंचा।
पिछले दिनों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ग्वालियर दौरे के दौरान इनके धरने में शामिल हुए थे और भरोसा दिया था वे उनकी मांगों को कांग्रेस के वचन पत्र में शामिल करेंगे और सरकार बनने पर लागू करेंगे, दिग्विजय सिंह ने आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 10 हजार रुपये करने की मांग भी सरकार से की थी।
आज आशा कार्यकर्ताओं ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का घेराव कर अपने गुस्से का इजहार किया, ऊर्जा मंत्री धरना स्थल के पास फूलबाग मैदान में अग्रवाल समाज के एक कार्यक्रम में शामिल होने आये थे, उसी समय आशा कार्यकर्ता वहां पहुँच गी और मंत्री जी का घेराव करते हुए उन्हें अपमा मांग पत्र सौंपा।
सीएम शिवराज से की ये अपील
आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम भी मुख्यमंत्री जी की बहन हैं हम ही गाँव गाँव की बहनों तक शासन की योजनाओं को पहुंचतीं है लेकिन मुख्यमंत्री जी को इन बहनों का ध्यान नहीं है, कार्यकर्ताओं ने कहा कि प्रदेश में लाड़ली बहना योजना शुरू हुई है लेकिन हमारी तरफ किसी का ध्यान नहीं है।
आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि हम 2018 से मानदेय वृद्धि और शासकीय सेवक घोषित किये जाने की मांग कर रहे हैं लेकिन हमेशा ही झूठे आश्वासन मिले हैं, इस बार हमारा आन्दोलन बंद नहीं होगा, यदि हमारी मांगें जल्दी नहीं मानी जाती तो पूरे प्रदेश की आशा कार्यकर्ता अपने अपने जिले से भोपाल तक पद यात्रा करेगी।
उधर ज्ञापन लेने के बाद ऊर्जा मंत्री ने कहा कि मैंने मांगपत्र ले लिए है जिसे मुख्यमंत्री तक पहुंचा दिया जायेगा, उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं से कहा आप अपना काम करें सरकार हर वर्ग का ध्यान रखती है, इस समय लाड़ली बहना योजना का काम हो रहा है जिसमें आपकी उपयोगिता महत्वपूर्ण है इसलिए धरना ख़त्म कर काम करें सरकार आपका ध्यान रखेगी।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....