ग्वालियर। देश के प्रतिष्ठित संगीत समारोहों में से एक तानसेन संगीत समारोह की शुरुआत 25 दिसम्बर से हजीरा क्षेत्र में स्थित संगीत सम्राट तानसेन की समाधि स्थल पर होगी। उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत एवं कला अकादमी व मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद द्वारा संगीत सम्राट तानसेन की स्मृति में होने जा रहे इस संगीत समारोह का कला साधकों को बेसब्री से इंतजार है। इस बार 2017 – 18 के लिए तानसेन अलंकरण प्रसिद्द सितार वादक मंजू मेहता को दिया जायेगा ।
समारोह में अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त विदेशी संगीत साधक प्रस्तुतियां देंगे। इनमें ईरान, आर्मीनिया व जर्मनी आदि देशों के स्थापित कलाकार शामिल हैं। संगीत समारोह में कुल नौ संगीत सभाएं होंगी। पहली सात संगीत सभाएं तानसेन की समाधि एवं मोहम्मद गौस के मकबरा परिसर में भव्य एवं आकर्षक मंच पर सजेंगी। समारोह की आठवीं एवं प्रात:कालीन सभा संगीत सम्राट तानसेन की जन्म स्थली बेहट में झिलमिल नदी के किनारे सजेगी।
तानसेन संगीत समारोह का शुभारंभ 25 दिसंबर को प्रात:काल तानसेन की समाधि पर पारंपरिक रूप से हरिकथा व मीलाद के गायन के साथ होगा। जहाँ समरसता की गंगा जमुनी के बीच संगीत सम्राट तानसेन को स्वरांजलि दी जाएगी।
प्रथम सभा 25 दिसम्बर (सायंकाल)
तानसेन समाधि स्थल पर तानसेन सम्मान से विभूषित कलाकार मंजू मेहता की प्रस्तुति होगी। इस सभा में ऋत्विक सान्याल का ध्रुपद गायन व रीतेश रजनीश मिश्र का गायन होगा। सभा का शुभारंभ शासकीय माधव संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।
द्वितीय सभा (प्रात:काल) 26 दिसम्बर
यखलेश बघेल का ध्रुपद गायन, विपुल कुमार राय का संतूर वादन, निर्भय सक्सेना का गायन एवं दीपक क्षीरसागर का मोहनवीणा वादन होगा। इस सभा का शुभारंभ शंकर गंधर्व संगीत महाविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।
तृतीय सभा (सायंकाल) 26 दिसम्बर
विश्व संगीत के तहत बेहदाद बाबई एवं अर्देशिर कामकार ईरान की सहतार-कमांचे की जुगलबंदी, वैशाली देशमुख का गायन, उस्ताद फारुख लतीफ खां का सारंगी वादन व रुचिरा काले केदार का गायन होगा। इस सभा का आरंभ राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर के ध्रुपद गायन से होगा।
चतुर्थ सभा (प्रात: काल) 27 दिसम्बर
कैलाश पवार का ध्रुपद गायन, संतोष नाहर का वायोलिन वादन, मधुमिता नकवी का गायन एवं विश्व संगीत के तहत सारंग सैफीजादा एण्ड ग्रुप ईरान का संतूर, कमांचे व टुम्बक वादन। इस सभा के आरंभ में तानसेन संगीत महाविद्यालय ग्वालियर की ध्रुपद प्रस्तुति होगी।
पांचवीं सभा (सायंकाल) 27 दिसम्बर
विश्व संगीत के तहत अर्सेन पेट्रोजियान आर्मीनिया की प्रस्तुति, मोवना रामचन्द्र का गायन, कमला शंकर का गिटार वादन व राम देशपाण्डे के गायन की प्रस्तुति होगी। इस सभा की शुरूआत भारतीय संगीत महाविद्यालय के ध्रुपद गायन से होगी।
छठवीं संगीत सभा (प्रात: काल) 28 दिसम्बर
गौतम काले का गायन, सौरवव्रत चक्रवर्ती की सुर बहार, ज्योति फगरे अय्यर का गायन तथा उस्ताद निसार हुसैन खां एवं दयानेश्वर देशमुख की तबला-पखावज जुगलबंदी होगी। सभा की शुरूआत सारदानाथ मंदिर संगीत महाविद्यालय के ध्रुपद गायन से होगी।
सातवीं सभा (सायंकाल) 28 दिसम्बर
विश्व संगीत के तहत जर्मनी के निल्गम अक्सॉय की प्रस्तुति, कशिश मित्तल का गायन, उस्ताद निसार खां का सितार वादन व अजय प्रसन्ना का बांसुरी वादन होगा। इस सभा का शुभारंभ ध्रुपद केन्द्र के ध्रुपद गायन से होगा।
आठवीं सभा (प्रात:काल) 29 दिसम्बर
बेहट में उस्ताद सलमान खां का सारंगी वादन, के. दामोदर राव का गायन, समित कुमार मलिक का ध्रुपद गायन, हितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव का तबला वादन, संध्या तिवारी बापट की स्वर श्रृंगार संगीत संस्था का वृंद वादन होगा। सभा के प्रारंभ में तानसेन स्मारक केन्द्र बेहट एवं महारूद्र मंडल संगीत महाविद्यालय ग्वालियर का ध्रुपद गायन होगा।
नौवीं एवं अंतिम संगीत सभा (सायंकाल) 29 दिसम्बर
गूजरी महल में विश्व संगीत के तहत उस्ताद अना तनवीर यू.के. का हार्प वादन, भारती सिंह राजपूत का गायन, वर्षा अग्रवाल का संतूर वादन तथा शुभ्रा गुहा का गायन होगा। सभा की शुरूआत ध्रुपद केन्द्र एवं संगीत महाविद्यालय के ध्रुपद गायन से होगी।
तानसेन संगीत समारोह की पूर्व संध्या यानि 24 दिसम्बर को सायंकाल सात बजे हजीरा चौराहे के समीप स्थित इंटक मैदान में उप शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम पूर्वरंग गमक होगा। गमक में सुविख्यात सूफियाना गजल गायक बंधु उस्ताद अहमद हुसैन -मोहम्मद हुसैन की प्रस्तुति होगी।