ग्वालियर। लम्बे अरसे से बुजुर्गों, बच्चों, नशामुक्ति और दिव्यांगों के लिए सेवा करने वाली कुछ संस्थाओं द्वारा तालाबंदी के आवेदन करने के बाद हुई जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। जांच में 61 सामाजिक संस्थाएं ऐसी निकली जिनमें से कई के पते फर्जी निकले और कईयों ने लाखों रुपये का अनुदान लेकर डकार लिया।
अनुदानप्राप्त करने वाली सामाजिक संस्थाओं की जब कलेक्टर के निर्देश पर सामाजिक न्याय विभाग ने जांच की तो जिले में 61 संस्थाएं फर्जी निकली। ये संस्थाएं बुजुर्गों ,बच्चों, दिव्यांगों और नशामुक्ति केंद्र के नाम पर शासन से कई वर्षों से अनुदान ले रहीं थीं लेकिन काम नहीं कर थीं । सामाजिक न्याय विभाग की टीम ने जब जाँच की तो वे चौंक गए। कई संस्थाओं के पते और कार्यालय ही गायब मिले तो कहीं इन पतों पर कुछ और चलता मिला। जब विभाग ने इनका पिछला मात्र पांच साल का ही रिकॉर्ड खंगाला तो मालूम चला कि इस अवधि में इन संस्थाओं ने शासन की किसी भी योजना में भागीदारी नहीं की और कागजी खानापूर्ति कर लाखों रुपए का अनुदान डकार गयीं। विभाग में जमे लोगों ने इन संस्थाओं से सांठगांठ कर सरकार से अनुदान दिलवाया। जांच के बाद कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कहा कि समाजसेवा के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाली इन सभी 61 सामाजिक संस्थाओं की मान्यता समाप्त करने की सिफारिश की गई है । समाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक राजीव सिंह के मुताबिक एक दो दिन में इन संस्थाओं की फाइलें मान्यता समाप्ति की सिफारिश के साथ सामाजिक न्याय विभाग के संचालनालय भोपाल भेज दी जायेंगीं।