अवैध कॉलोनियों पर एक्शन की तैयारी, ग्वालियर कलेक्टर ने जिले के सभी एसडीएम से मांगी जानकारी

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि यह संज्ञान में आया है कि पूर्व में हुई जाँच के बाद भी कतिपय व्यक्तियों व समूहों द्वारा अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। साथ ही पूर्व में चिन्हित अवैध कॉलोनियों एवं नई अवैध कॉलोनियों में निरंतर प्लॉट व भवन बेचे जा रहे हैं।

Atul Saxena
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Gwalior Collector Ruchika Chauhan
Gwalior News : मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रदेश में माफिया पनपने नहीं दिया जाये, सरकारी भूमि को माफिया के कब्जे से बचाया जाये और यदि कहीं कोई अवैध कब्ज़ा किये हुए है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये, इसी क्रम में ग्वालियर कलेक्टर ने अवैध कालोनी काटने वाले भू माफिया पर शिकंजा कसने का प्लान तैयार किया है इसके लिए उन्होंने जिले के सभी एसडीएम को निर्देश दिए हैं कि वे इसकी जानकारी उन्हें मुहैया कराएँ
अवैध कॉलोनियों पर अंकुश लगाने के लिये जिला प्रशासन ने प्रभावी कदम उठाया है। कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले के सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों से अवैध कॉलोनियों की सूची मांगी है। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि उनके क्षेत्र में वर्तमान में भूमि व भवन का विक्रय कर कोई नई अवैध कॉलोनी स्थापित करने के प्रयास किए जा रहे हैं तो उसकी जाँच कराएँ और पूर्व में चिन्हित अवैध कॉलोनियों सहित सभी अवैध कॉलोनियों की इकजाई सूची कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी के कार्यालय में उपलब्ध कराएँ। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने यह भी निर्देश दिए हैं कि संबंधित राजस्व निरीक्षण से इस आशय का प्रमाणीकरण भी लिया जाए कि उनके क्षेत्र में अन्य कोई अवैध कॉलोनी का निर्माण कार्य संचालित नहीं है।

2019 में हुई जाँच की कॉपी कलेक्टर ने एसडीएम को भेजी    

ज्ञात हो  कि ग्वालियर में वर्ष 2019 में समस्त अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) द्वारा अवैध कॉलोनियों की व्यापक स्तर पर जांच की गई थी। साथ ही इसकी सूची भी नगर निगम को दी गई थी। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने नगर निगम द्वारा उपलब्ध कराई गई उसी सूची को सभी अनुविभागीय राजस्व अधिकारियों को पत्र के साथ भेजा है। साथ ही संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश की ओर से प्राप्त वैध कॉलोनियों की सूची भी उपलब्ध कराई है।

जाँच के बाद भी एक्शन नहीं, काटी जा रही अवैध कॉलोनियां 

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि यह संज्ञान में आया है कि पूर्व में हुई जाँच के बाद भी कतिपय व्यक्तियों व समूहों द्वारा अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। साथ ही पूर्व में चिन्हित अवैध कॉलोनियों एवं नई अवैध कॉलोनियों में निरंतर प्लॉट व भवन बेचे जा रहे हैं। ऐसी अवैध कॉलोनियों में भूमि और भवन खरीदने वाले लोगों को स्वत्व, स्वामित्व एवं भवन निर्माण की अनुज्ञा प्राप्त करने में काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है। साथ ही ऐसी कॉलोनियों में मूलभूत सुविधायें भी नहीं मिल पाती हैं। इसके फलस्वरूप न्यायालय में याचिकायें लगती हैं और शासन को भी पक्षकार बनाया जाता है।

8 बिन्दुओं पर SDM में मांगी जानकारी 

अवैध कॉलोनी के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लिये कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने एक प्रपत्र तैयार कराया है, जिसमें लगभग 8 बिंदु निर्धारित किए गए हैं। इन बिंदुओं में अवैध कॉलोनी का नाम एवं पता, ग्राम का नाम, खसरा क्रमांक व रकबा, राजस्व अभिलेख में भूमि की स्थिति (मिसिल एवं वर्तमान दोनों), कॉलोनी में शासकीय भूमि या उसके अंश भाग पर अतिक्रमण तो नहीं किया गया है, कॉलोनी में प्लॉटिंग किस व्यक्ति व समूह द्वारा की गई है, उसका नाम पता व मोबाइल फोन नम्बर,  किसी व्यक्ति या समूह द्वारा अपनी पहचान छुपाकर कॉलोनी में प्लॉटों का विक्रय भूमि स्वामियों के माध्यम से तो नहीं किया जा रहा है, कॉलोनी निर्माण के लिये सक्षम प्राधिकारी से प्राप्त अनुमतियां हैं या नहीं इत्यादि शामिल हैं।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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