बर्ड फ्लू – अलर्ट मोड पर प्रशासन, कलेक्टर ने दिये पोल्ट्री फॉर्म पर निगरानी के निर्देश

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कोरोना वायरस (Corona Virus) का दंश झेल रहे देश के सामने अब बर्ड फ्लू (Bird Flu) खतरा मंडरा रहा है। देश के कई राज्यों में कौए (Crow) मौत का शिकार हो रहे हैं। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी कई शहरों में इसका असर दिखाई दे रहा है। इसे लेकर ग्वालियर जिला प्रशासन (Gwalior District Administration) अलर्ट मोड पर आ गया है। कलेक्टर (Collector) ने अधिकारियों को सावधानी बरतने और सभी पोल्ट्री फॉर्म पर निगरानी रखने के निर्देश दिये हैं।

कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) ने बुधवार को बाल भवन में पशु चिकित्सा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में यह निर्देश दिए। बैठक में सीएमएचओ डॉ. मनीष शर्मा, डॉ. के एस बघेल, डॉ. जी आर गोयल, चिड़ियाघर के भागचंद कुंदवानी एवं श्री नरवरिया उपस्थित थे। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि संक्रामक रोग बर्ड फ्लू (Bird Flu)से बचाव के लिये पशु चिकित्सा विभाग तथा सहयोगी विभाग एवं एजेन्सियाँ सजग रहें। इसके साथ ही निरंतर सेम्पलिंग का कार्य किया जाए। उन्होंने रोग के संबंध में आवश्यक जानकारियां भी आम जनों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। इसके साथ ही पॉल्ट्री फॉर्मों पर निगरानी रखने के निर्देश भी दिये।

बैठक में कलेक्टर (Collector) ने कहा कि बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिये पशुपालन, वन, स्वास्थ्य और स्थानीय निकायों के समन्वित प्रयास की जरूरत रहेगी। सभी विभाग अपने-अपने स्तर से सावधानियां बरतें और आपसी समन्वय बनाए रखें। कहीं भी किसी पक्षी की मृत्यु की जानकारी मिलती है तो तत्काल उसकी जाँच कराई जाए। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि बर्ड फ्लू के संदर्भ में जन जागृति के लिये कुक्कुट पालकों और व्यवसाइयों को भी इस रोग से बचाव के लिये आवश्यक जानकारियां दी जाएँ। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh)ने आम जनों से भी अपील की है कि जो लोग माँसाहार का सेवन करते हैं वे सावधानी बरतें। हालांकि इस रोग से मानव स्वास्थ्य को किसी प्रकार का खतरा नहीं है परंतु सावधानी और सतर्कता आवश्यक है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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