ग्वालियर, अतुल सक्सेना। SP द्वारा की गई निलंबन की कार्यवाही के खिलाफ निलंबित ASI ने DGP को पत्र (ASI wrote a letter to DGP against Gwalior SP) लिखा है। पत्र में निलंबित कार्यवाहक एएसआई ने एसपी की कार्यवाही की कर्मचारी विरोधी और तानाशाहीपूर्ण बताते हुए इसे न्यायालय और राज्य शासन के नियमों के विरुद्ध भी कहा है। पत्र में ASI ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने और वीडियो वायरल करने वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्यवाही करने अथवा उसे अनिवार्य सेवानिवृति देने का अनुरोध किया है।
गौरतलब है कि ग्वालियर पुलिस अधीक्षक अमित सांघी (Gwalior SP Amit Sanghi) ने कल 10 नवंबर को एक आदेश जारी कर मुरार थाने के पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया था। निलंबन का आधार सोशल मीडिया में वायरल हुए एक डंपर से अवैध वसूली के चार वीडियो को बताया गया था। एसपी ने सीएसपी मुरार ऋषिकेश मीणा के प्रतिवेदन के बाद मुरार थाने में पदस्थ कार्यवाहक ASI श्रवण कुमार दीक्षित, कार्यवाहक प्रधान आरक्षक राजवीर कौशल, प्रधान आरक्षक रामकिशन शर्मा, आरक्षक सुरेंद्र इंदौरिया और आरक्षक रूप सिंह को निलंबित कर दिया।
निलंबन के इस आदेश के बाद कार्यवाहक ASI श्रवण कुमार दीक्षित ने पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा। DGP को लिखे शिकायती पत्र में निलंबित कार्यवाहक ASI दीक्षित ने लिखा कि 9 नवंबर को मुरार थाना पुलिस द्वारा डंपर क्रमांक UP75 AT 1772 को 6 नंबर चौराहा मुरार से नोइंट्री में पकड़ा था और उसे थाने लेकर आये थे। इसके बाद थाने में धारा 115 /194 मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 5000/- चालान बनाया और रसीद चालक को दे दी।
पत्र में लिखा है कि पत्रकार योगेश शर्मा ने पुलिस की छवि धूमिल करने के उद्देश्य से वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जिसके आधार पर मुरार थाने के निर्दोष पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। ASI दीक्षित ने दावा किया कि चालान की राशि 5000/- रुपये के अतिरिक्त वीडियो में किसी भी तरह का कोई साक्ष्य नहीं है। उन्होंने लिखा कि बिना जांच किये कर्मचारी को निलंबित किया जाना सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और राज्य शासन के नियमों के विरुद्ध है इसलिए SP द्वारा जारी निलंबन का ये आदेश कर्मचारी विरोधी और तानाशाहीपूर्ण है।
निलंबित ASI श्रवण कुमार दीक्षित ने पत्र के अंत में लिखा कि इस मामले की उच्च स्तरीय निष्पक्ष जांच की जाये और वीडियो वायरल करने वाले के खिलाफ आईटी एक्ट सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया जाये अन्यथा मुझ प्रार्थी को तत्काल प्रभाव से अनिवार्य सेवानिवृति दी जाये। आपको बता दें कि ये पत्र भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है , एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता।
इन पुलिसकर्मियों को एसपी अमित सांघी ने डंपर से अवैध वसूली के वायरल वीडियो के आरोप में निलंबित किया है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....