BSF inspector digital arrest one month: जागरूकता अभियान चलाकर साइबर ठगी से बचने के तरीके बताये जाने के बाद भी व्यक्ति शातिर साइबर ठगों एक जाल में फंस ही जाता है , इस बार तो बीएसएफ का इंस्पेक्टर फंसा है, खास बात ये है कि साइबर ठगों ने 30 दिनों तक इंस्पेक्टर को डिजिटल आरेस्ट रखा और उनको भयभीत कर करीब 71 लाख रुपये अपने खातों में ट्रांसफर करा लिए, जब मामला हद से ऊपर जाने लगा तो फिर इंस्पेक्टर ने एसपी से शिकायत की, एसपी के निर्देश पर पुलिस ने शिकायत दर्ज कर ली है और एक एसआईटी मामले की जाँच कर रही है।
ग्वालियर में भी अन्य शहरों की तरह पिछले कुछ समय से डिजिटल अरेस्ट के मामले सामने आ रहे हैं, इसी बीच अब तक का सबसे बड़ा मामला सामने आया है इसमें साइबर ठगों ने सीमा सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर को एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा, अपनी बातों से डरा धमका कर ठगों ने इंस्पेक्टर से करीब 71 लाख रुपये अलग अलग खातों में ट्रांसफर करा लिए, ठगों ने इस तरह का डर दिखाया कि इंस्पेक्टर ने अपनी जमीन, फ़्लैट बेच दिए, बैंक सेविंग के साथ पूरी राशि ट्रांसफर कर दी, खास बात ये रही कि इंस्पेक्टर ने ये बात न तो अपने परिवार को बताई और ना ही किसी सीनियर अधिकारी को, जब बेटा मिलने आया और उसने पिता को परेशान देखा तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।
BSF इंस्इपेक्सटर को तरह डराया साइबर ठगों ने
ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह ने बताया कि बीएसएफ टेकनपुर में पदस्थ इंस्पेक्टर अवसार अहमद ने एक शिकायत की जिसमें उन्होंने उनके साथ हुए साइबर फ्रॉड के बारे में बताया, एसपी ने कहा कि ठगों ने इंस्पेक्टर से कहा कि दिसंबर में इनके पास कॉल आये आधार कार्ड का उपयोग कर जो सिम ली गई है उससे फ्रॉड हुआ है और करप्शन ब्रांच इसकी जाँच कर रही है ये अकेले रहते थे तो डर गये।
ग्वालियर SP ने गठित की SIT
एसपी धर्मवीर सिंह ने कहा शिकायत के आधार पर पुलिस ने क्राइम ब्रांच थाने में एफआईआर दर्ज कर ली है और एक एसआईटी गठित कर दी है, जिन एकाउंट में राशि ट्रांसफर की गई है हम उस एकाउंट और ट्रांसफर की गई राशि को वेरीफाई कर रहे हैं, जल्दी ही आरोपी पकडे जायेंगे।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट