ग्वालियर कलेक्टर की इस कार्रवाई पर मुख्यमंत्री ने जताई प्रसन्नता, किया ट्वीट

Gaurav Sharma
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ग्वालियर,गौरव शर्मा। ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह की एक कार्रवाई पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट किया है। दरअसल बरसों से न्याय की बाट जोह रहे दो व्यक्तियो को कलेक्टर ने न केवल उनका हक दिलाया बल्कि एक व्यक्ति की रात में जमीन की रजिस्ट्री करा कर अनूठी मिसाल पेश की। ग्वालियर के रहने वाले सत्येंद्र सिंह और उनके परिवार के लिए मंगलवार का दिन मानो छप्पर फाड़ के खुशियां लाने वाला था। दरअसल ग्वालियर निवासी सत्येंद्र सिंह ने 2010 में ग्वालियर के ही ज्ञान सिंह यादव से एक प्लॉट डेढ़ लाख रुपए में खरीदने का सौदा किया और उसकी रजिस्ट्री करा ली। लेकिन ज्ञान सिंह के मन में बदनियति आ गई और उसने अपना प्लाट एक अन्य व्यक्ति को बेच दिया जिसने उस पर पेट्रोल पंप बना लिया। अपनी जमीन के हक के लिए सत्येंद्र सिंह लगातार भटकते रहे लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी। ज्ञान सिंह ने बदले में सत्येन्द्र को एक अन्य प्लॉट दिया जहां पर सत्येन्द्र ने अपना गोदाम बना लिया। लेकिन बाद में ज्ञान सिंह ने उसे भी तोड़ दिया और लगातार जान से मारने की सत्येन्द्र सिंह को धमकी देता रहा। मामला जनसुनवाई के माध्यम से ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह के पास पहुंचा और उन्होंने तत्काल कार्रवाई करते हुए न केवल सत्येंद्र सिंह को उसकी जमीन का हक दिलाया बल्कि मंगलवार की रात को रजिस्ट्री ऑफिस खुलवा कर स्लाट बुक करा उसकी रजिस्ट्री भी करा दी। 10 साल के भीतर इस प्लॉट की कीमत लगभग डेढ करोङ रू हो गई। सत्येंद्र बेहद खुश है और मुख्यमंत्री सहित कलेक्टर को धन्यवाद दे रहे हैं।

ऐसा ही एक मामला ग्वालियर के राजकुमार नाम के व्यक्ति के साथ हुआ जिसके साथ भी ज्ञान सिंह ने धोखाधड़ी करते हुए वर्षा विहार कॉलोनी, सागर ताल में प्लॉट दस लाख रुपए में बेचा था लेकिन बदनियति दिखाते हुए ज्ञान सिंह ने उस प्लाट को अन्य व्यक्ति को बेच दिया। 2013 से न्याय की गुहार करते हुए राजकुमार परेशान थे। लेकिन जब कलेक्टर के पास जनसुनवाई में शिकायत की तो कलेक्टर कौशलेन्द्र सिंह ने कार्रवाई करते हुए ज्ञान सिंह से राजकुमार को 15 लाख रुपए वापस दिलवाए। इस तरह से दो अलग-अलग मामलों में ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र सिह ने भू–माफियाओं के चंगुल में फंसे लोगों को न केवल राहत दिलाई बल्कि उनकी जीवन भर की पूंजी भी वापस दिलाई। सत्येन्द्र के मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रसन्नता व्यक्त की है। शिवराज ने अपने ट्वीट में लिखा है कि “मध्य प्रदेश शांति का टापू है। कोई अशांति फैलाये, अवैध कब्जे करें, नागरिकों को परेशान करें, मुझे बर्दाश्त नहीं है। ऐसे अपराधी, बदमाशों और अवैध कब्जे धारियों से सख्ती से निबट रहा हूं। सत्येन्द्र जी ,आप सदा प्रसन्न रहेंह मेरे प्रदेशवासियों के जीवन में खुशहाली ही मेरे जीवन का लक्ष्य है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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