मानहानि मामला : जबलपुर हाई कोर्ट ने निरस्त की दिग्विजय सिंह की याचिका

Atul Saxena
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Gwalior News : मानहानि से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को तगड़ा झटका लगा है। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की उस याचिका को निरस्त कर दिया गया जिसमें उन्होंने अपने विरुद्ध ग्वालियर न्यायालय में चलने वाले मानहानि (Digvijay Singh defamation case) के मुकदमे को रद्द करने की प्रार्थना की गई थी।

याचिका में दिग्विजय सिंह ने कही थी ये बात 

जबलपुर हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिग्विजय सिंह की ओर से तर्क दिए गए कि उनके बयान को सही तरीके से प्रदर्शित नहीं किया गया उन्होंने भारतीय जनता पार्टी की कोई मानहानि नहीं की, ग्वालियर न्यायालय द्वारा असत्य रूप से मामला दर्ज किया गया है जबकि इस मामले की जांच पहले पुलिस से कराया जाना चाहिए था लेकिन ग्वालियर न्यायालय द्वारा इस मामले की जांच पुलिस से नहीं कराई गई इसलिए मामला खारिज किया जाए।

हाई कोर्ट ने दिग्विजय सिंह के वकील के तर्कों को ख़ारिज किया  

उधर एडवोकेट अवधेश सिंह भदौरिया ने तर्क दिए कि दंड प्रक्रिया संहिता में मजिस्ट्रेट को यह अधिकार है कि वह किसी भी मामले की जांच या तो स्वयं कर सकते हैं अथवा पुलिस या किसी भी एजेंसी के माध्यम से जांच करा सकते हैं। दिग्विजय सिंह के विरुद्ध कोई हिंसा का मामला दर्ज नहीं हुआ है जिसमें पुलिस की जांच आवश्यक हो उक्त मामले में मजिस्ट्रेट ने जांच करना उचित समझा था इसलिए मजिस्ट्रेट द्वारा मामले की पूरी जांच की गई और जांच के उपरांत ही उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया गया । हाई कोर्ट द्वारा एडवोकेट भदौरिया के तर्कों को स्वीकार करते हुए दिग्विजय सिंह के विरुद्ध उक्त मामले को सही माना और मजिस्ट्रेट न्यायालय की कार्रवाई को सही मानते हुए दिग्विजय सिंह की याचिका को खारिज कर दिया है।

भाजपा पर पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप लगाये है दिग्विजय ने   

गौरतलब है कि अगस्त 2019 में भिंड के दौरे पर आए मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक पत्रकार वार्ता में भारतीय जनता पार्टी पर यह आरोप लगाया कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए भारतीय जनता पार्टी पैसे लेकर हिंदुस्तान की जासूसी करती हैं, इस पर पत्रकार बंधुओं को ध्यान देना चाहिए।

एडवोकेट अवधेश भदौरिया ने दायर किया है परिवाद 

दिग्विजय सिंह के उक्त वक्तव्य को मानहानिकारक मानते हुए भारतीय जनता पार्टी के नेता एवं मध्य प्रदेश हाई कोर्ट खंड पीठ ग्वालियर के अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने उनके विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 499, 500 के तहत न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी ग्वालियर के न्यायालय में परिवाद पत्र प्रस्तुत किया जहां पर अधिवक्ता भदौरिया द्वारा दिग्विजय सिंह के विरुद्ध उक्त वक्तव्य के संबंध में सारे साक्ष्य प्रस्तुत किए गए, उन्होंने पत्रकार वार्ता की वह वीडियो सीडी भी प्रस्तुत की गई जिसमें दिग्विजय सिंह द्वारा भारतीय जनता पार्टी पर उक्त आरोप लगाए गए।

भदौरिया ने दिग्विजय के आरोपों की मंशा को किया जाहिर 

अधिवक्ता भदौरिया द्वारा न्यायालय में तर्क दिया गया कि भारतीय जनता पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत से विजय हुई थी और कांग्रेस पार्टी को विपक्ष का नेता बनाने लायक भी बहुमत प्राप्त नहीं हुआ इसलिए भारतीय जनता पार्टी की समाज में मानहानि करने के उद्देश्य से एवं वोटों के ध्रुवीकरण के लिए दिग्विजय सिंह द्वारा उक्त असत्य एवं निराधार आरोप भारतीय जनता पार्टी पर लगाए गए जबकि उनके आरोपों के संबंध में देश में कहीं पर भी एक भी प्रमाण नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी जासूसी के मामले में लिप्त है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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