Gwalior News : मध्य प्रदेश में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं , उससे पहले राजनीति के अलग अलग रंग देखने को मिल रहे हैं। नेता एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं, पार्टियाँ बड़े बड़े दावे कर रही हैं, घोषणाओं की शुरुआत हो चुकी है। इस बीच आज ग्वालियर में राजनीति की एक अलग तस्वीर देखने को मिली, आज मंगलवार को नगर सरकार के दरवाजे पर प्रदेश सरकार धरना देती हुई दिखाई दी।
दरअसल ग्वालियर में आज नगर निगम मुख्यालय के बाहर एक धरना हुआ, धरने का आयोजन पूर्व विधायक एवं मप्र बीज निगम के अध्यक्ष मुन्नालाल गोयल ने किया, उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी विधानसभा क्षेत्र के गरीबों, अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ अन्याय हो रहा है।
उन्होंने कहा कि 2018 में कमल नाथ की सरकार बनी उन्होंने अपने घोषणा पत्र में कहा था कि हमारी सरकार बनने के बाद गरीब, दलित वर्ग के लोगों को उजाड़ेंगे नहीं, यदि किसी को हटाना पड़ा तो उसकी व्यवस्था पहले करेंगे लेकिन सरकार बनते ही सबसे पहले मेरी विधानसभा में फूटी कालोनी, हुरावली, सिरोल, डोंगरपुर में करीब 400 परिवारों को जिला प्रशासन ने उजाड़ दिया, तब मैंने धरना भी दिया था।
उन्होंने कहा कि कमल नाथ सरकार ने गरीबों को उजाड़ दिया लेकिन वादे के मुताबिक पट्टे नहीं दिए, मगर मुझे ख़ुशी है कि भाजपा की सरकार बनने के बाद इन400 परिवारों को केदारपुर में पट्टे दिए हैं साथ ही हर परिवार को मकान बनाने के लिए ढाई ढाई लाख रुपये भी दिए हैं , कुल 18 करोड़ रुपये इन गरीबों के लिए शासन ने दिया है।
इसके अलावा सरकार ने बिजली पानी सड़क, सीवर जैसे बुनियादी सुविधाओं के लिए नगर निगम को 4 करोड़ 83 लाख रुपये केदारपुर की जमीन के लिए दिए जिसके टेंडर भी हो गए, लेकिन जब वर्क ऑर्डर जारी करने का मौका आया तब महापौर ने उस फ़ाइल को दबा लिया और तभी से ये फ़ाइल दबी हुई है।
भाजपा नेता ने कहा कि महापौर शोभा सतीश सिकरवार कहती हैं मुझे सबकी चिंता है तो गरीबों के आवास में अवरोध क्यों बन रही हैं, मुन्नालाल गोयल ने बिना नाम लिए महापौर के पति कांग्रेस विधायक सतीश सिंह सिकरवार पर केदारपुर की जमीन पर कब्जे के आरोप लगाये, उन्होंने कहा कि ये जमीन शासन की है जिसपर गरीबों के आवास बनने हैं, यदि कब्ज़ा नहीं हटा तो शासन अपना काम करेगा।
नगर सरकार के दरवाजे पर प्रदेश सरकार का धरना
बहरहाल मुन्नालाल गोयल से जब सवाल किया गया कि प्रदेश में सरकार आपकी है फिर भी धरना देना पड़ रहा है तो उन्होंने कहा कि नगर निगम यानि नगर सरकार कांग्रेस की है इसलिए प्रदेश सरकार यहाँ बैठी है हम तो प्रार्थना करते हैं कि ईश्वर महापौर और विधायक को सद्बुद्धि दे जिससे वे गरीबों दलितों में बाधा ना बनें।
ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....