ग्वालियर। विधानसभा के लिए 28 नवम्बर को हुए मतदान के दौरान ग्वालियर में गंभीर लापरवाही सामने आई है, यहाँ छह मतदान केंद्रों पर पीठासीन अधिकारी मॉक-पोलिंग के बाद EVM से 50-50 वोट डिलीट करना भूल गए। और वोटिंग शुरू करवा दी। मामला उस समय उजागर हुआ जब प्रेक्षक की मौजूदगी में मतदान केन्द्रों की संवीक्षा की गई। कांग्रेस ने इस मामले पर सवाल खड़े किये है।
ग्वालियर जिले में मतदान से पहले कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया था उसके बावजूद 6 पोलिंग बूथों पर पीठासीन अधिकारियों ने मॉक पोल ही डाले गए मतों में जोड़ दिए। हर पोलिंग बूथ पर मतदान से पहले 50-50 मॉक पोल कराए जाने थे। जिसके बाद कंट्रोल यूनिट को सीआरसी यानि क्लियर करना था। लेकिन उन्होंने ऐसा किये बिना ही मतदान शुरू करवा दिया। ऑब्जर्वर के सामने हुई स्क्रूटनी में यह मामला सामने आया, जिसमें कंट्रोल यूनिट में बैलेट यूनिट से ज्यादा वोट सामने आए तो स्थिति स्पष्ट हुई। मामला सामने आने के बाद कांग्रेस अफसरों की लापरवाही और मॉक पोल के वोटों को लेकर भी सवाल खड़े कर रही है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी आरके पांडे का कहना है इन बूथों पर मॉक पोल के वोट जुड़ जाने को लेकर निर्वाचन आयोग को रिपोर्ट दी गयी है। वहां से दिशा-निर्देश मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी। श्री पांडे इसे पीठासीन अधिकारियों की लापरवाही बताते हुए कहते हैं हमारे पास इस सभी 6 मतदान केन्द्रों पर हुए वास्तविक मतदान की काउंटिंग के और भी तरीके हैं। उन्होंने बताया कि कंट्रोल यूनिट और वीवी पैट में इकठ्ठा हुई पर्चियों को जोड़कर सही मतों की गिनती की जाएगी और इसके अलावा भी और कई रास्ते हैं जिससे सही वोट काउंट किये जा सकते हैं। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं होगी।
मामला सामने आने के बाद जहां ईवीएम को लेकर कांग्रेस पहले से हंगामा कर रही थी। अब मॉकपोल के वोट डिलीट न करने के इस मामले को लेकर दिल्ली में निर्वाचन आयोग से शिकायत कर रही है।