ग्वालियर।
प्रदेश में सत्ता के परिवर्तित होते ही कई नए बदलाव देखने को मिल रहे है। कांग्रेस नेता जमीनी स्तर पर काम कर रहे है, मंत्री-विधायक जनता की बात तुरंत निर्णय ले रहे है। लापरवाहों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है। ताजा मामला ग्वालियर से सामने आया है जहां देर रात एक व्यक्ति ने देर रात विधायक को फोन लगाकर कहा एक महिला की तबीयत बहुत खराब है और अस्पताल में डॉक्टर नही, इस पर विधायक तुंरत अस्पताल पहुंचे और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर के वहां मौजूद ना होने पर उसे सस्पेंड कर दिया। हालांकि तब तक महिला की मौत हो चुकी थी।
दरअसल, शनिवार देर रात एक व्यक्ति ने कमलाराजा अस्पताल से विधायक प्रवीण पाठक को फोन किया कि अंगूरी बाई नाम की एक महिला बच्चेदानी में गांठ की परेशानी से जुझ रही है, लेकिन उन्हें अटेंड करने वाला ड्यूटी डॉक्टर वहां मौजूद नही है। इस पर विधायक अपना कार्यक्रम छोड़ सीधा अस्पताल पहुंचे लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। इससे नाराज विधायक ने सीएमओ से जानकारी तलब की। काफी देर तक उन्हें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो विधायक ने सीधे चिकित्सा मंत्री विजयलक्ष्मी साधौ से फोन पर बात की और मरीज के साथ हुई असंवेदनशीलता की जानकारी दी। इसके बाद मंत्री साधौ ने ड्यूटी डॉक्टर को सस्पेंड करने के निर्देश दे दिए।
खास बात यह है कि महिला अंगूरी देवी और उनके परिजन को विधायक जानते नहीं थे, लेकिन विधायक का नंबर उनके पास था इसलिए अस्पताल में अनदेखी होने पर उन्होंने सीधे विधायक को फोन लगा दिया। विधायक के जाने के कुछ समय बाद ही रात में महिला की मौत हो गई। महिला की बच्चेदानी में गांठ की शिकायत थी। अस्पताल की अव्यवस्थाओं को लेकर विधायक ने सोमवार को डॉक्टरों के साथ बैठक करने की बात कही है। इस दौरान उन्होंने डॉक्टरों को फटकार भी लगाई। हालांकि यह पहला मौका नही है, इससे पहले भी कई मरीजों को सही समय पर डॉक्टरों का इलाज ना मिल पाने की वजह से अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है।