ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर (Energy Minister Pradyuman Singh Tomar) की विधानसभा में स्थित हजीरा सब्जी मंडी को लेकर सियासत चरम पर है। जिला प्रशासन द्वारा हजीरा सब्जी मंडी (Hazira Sabzi Mandi) को हजीरा चौराहे के पास इंटक मैदान पर शिफ्ट किये जाने के बाद से कांग्रेस आंदोलन (Congress At Protest) पर है तो वहीं ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर लगातार इंटक मैदान पर पहुंचकर सब्जी व्यापारियों से मिल रहे हैं उनसे परेशानी पूछ रहे हैं। इधर जिला प्रशासन ( Gwalior District Administration) भी इंटक सब्जी मंडी पहुंचकर व्यवस्थाएं देख रहा है।
हजीरा सब्जी मंडी के आंदोलन को और तेज करने के लिए कांग्रेस रणनीति बना रही है उधर पुतला दहन के दौरान एसआई दीपक गौतम के गंभीर रूप से झुलसने के बाद नेताओं पर दर्ज प्रकरण वापस लेने के लिए बैठकों का दौर जारी है। कांग्रेस नेताओं ने इसे लेकर कलेक्ट्रेट का घेराव कर कलेक्टर और एसपी से मुलाकात की।
उधर ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर इंटक मैदान में शिफ्ट हुए सब्जी व्यापारियों को भरोसा दिला रहे हैं कि सरकार और जिला प्रशासन आपके साथ है। आपकी सुविधाओं का ध्यान रखा जायेगा जिससे आपका व्यवसाय चलता रहे। गुरुवार को ऊर्जा मंत्री एक बार फिर इंटक सब्जी मंडी पहुंचे उन्होंने सब्जी व्यापारियों से बात की उनकी समस्याएं पूछी।
आदत के मुताबिक ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर सब्जी व्यापारियों के साथ जमीन पर बैठे, उनकी दुकान और ठेलों पर पहुंचकर बात की। ऊर्जा मंत्री ने महिलाओं के पैर छूकर आशीर्वाद लिया और युवाओं के गले में हाथ डालकर बात की। इस दौरान प्रद्युम्न सिंह तोमर ने एक बूढी अम्मा को मंगोड़े बनाते देखा तो वे उसके ठेले पर पहुँच गए, उसके साथ मंगोड़े बनाये और फिर खुद डलिया में लेकर सब्जी व्यापारियों और अन्य लोगों को मंगोड़े खिलाये।
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ये लोग मेरे परिवार के सदस्य हैं इन लोगों ने एक एक रुपया देकर मुझे जिताया है। इसलिए मेरा भी फर्ज बनता है कि इनके कुछ काम आ सकूँ। बहरहाल इंटक मैदान में पहुंचे सब्जी व्यापारी अपना व्यवसाय कर रहे हैं, उधर सब्जी मंडी शिफ्ट होने का विरोध कर रहे सब्जी व्यापारी कांग्रेस के साथ आंदोलन की राह पर हैं। कुल मिलाकर हजीरा सब्जी मंडी शिफ्टिंग सियासी अखाड़ा बन चुकी है।
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Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....