Singrauli पुलिस को मिली कामयाबी, हत्या के मामले में दो आरोपी गिरफ्तार, डीजे पर मनपसंद गाने को लेकर हुआ था विवाद

डीजे पर मनपसंद गाने बजाने की बात को लेकर बारातियों के बीच विवाद हो गया, जिसमें पवन कुमार की जमकर पिटाई हुई और मौत हो गई।

Shashank Baranwal
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Singrauli News: मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले की पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। दरअसल, पुलिस ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस दौरान पुलिस ने दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया, जिसे न्यायालय के आदेश पर जेल में भेज दिया है। आइए जानते हैं विस्तार से…

डीजे पर मनपसंद गाने को लेकर हुआ विवाद

दरअसल, पूरा मामला सिंगरौली जिले के कोतवाली क्षेत्र बैढ़न के गांव गड़हरा का है, जहां 25 अफ्रैल को ग्राम गड़हरा से लंघाडोल थाना क्षेत्र के झलरी गांव में बारात गई थी। यहां शादी के कार्यक्रम के दौरान पवन कुमार शाह पिता भगवानदास शाह उम्र 22 साल के द्वारा डीजे पर मन पसंद गाना बजाने की मंशा थी। इस पर पवन अड़ गया। वहीं, इसी बात को लेकर बारातियों के बीच विवाद हो गया, जिसमें पवन कुमार की जमकर पिटाई हुई और मौत हो गई। जब पुलिस को सूचना मिली तो तत्काल मामला दर्ज करते हुए आरोपियों की तलाश में जुट गई थी।

आरोपियों को भेजा गया जेल

पुलिस ने हत्या के मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान दोनों आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 302,34 के तहत मामला दर्ज करते हए एक बाल अपचारी और प्रधान सिंह पिता बेचन सिंह गोंड उम्र 20 को न्यायालय में पेश किया गया, जहां न्यायालय की तरफ से बाल अपचारी को सुधारगृह केंद्र रीवा और आरोपी प्रधान सिंह को पचौर जेल भेज दिया गया। वहीं, इस कार्रवाई में थाना प्रभारी लंघाडोल पुष्पेन्द्र धुर्वे, एएसआई शेषमणि ताडिंया, प्रधान आरक्षक राजकुमार प्रजापति, रामनाथ सिंह, संतोष केवट, आरक्षक महेन्द्र चौरसिया, आबिद कुरैशी, संपत सिंह, ज्ञान सिंह एवं दिवाकर सिंह की भूमिका सराहनीय रही है।

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सिंगरौली से राघवेंद्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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