ग्वालियर। कोरोना से प्रदेश में डॉक्टर की मौत और लगातार हो रहे हमलों ने डॉक्टर्स के होंसलों को कमजोर करना शुरू कर दिया है। हालात ये हो गए हैं कि अब वे नौकरी छोड़कर जाने लगे हैं। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग के तीन बुजुर्ग डॉक्टर्स ने नौकरी छोड़ने का आवेदन दिया था अब मेडिकल कॉलेज में पदस्थ 50 डॉक्टर्स ने इस्तीफा दे दिया है।
कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या, संसाधनों की कमी, मरीजों द्वारा की जा रही अभद्रता और मौत के भय ने अब धरती के भगवान यानि डॉक्टर्स को भी डरा दिया है। इसका उदाहरण ग्वालियर में देखने को मिला जब गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के 50डॉक्टर्स ने एक साथ इस्तीफा दे दिया। मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने इसकी सूचना चिकित्सा शिक्षा विभाग को दे दी है।
दरअसल डॉक्टर्स की कमी झेल रहा प्रदेश कोरोना महामारी के दौरान कहीं संकट में न आ जाए इसके लिए चिकित्सा शिक्षा विभाग ने प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के लिए MBBS कर चुके डॉक्टर्स को तीन महीने के लिए अस्थाई तौर पर रखने का आदेश निकाला। इस आदेश के बाद ग्वालियर के गजरा राजा मेडिकल कॉलेज में पिछले सप्ताह 84 डॉक्टर्स की नियुक्ति की गई और इन्हें मेडिकल ऑफिसर बनाकर अलग अलग विभागों पदस्थ कर दिया गया। इनकी नियुक्ति तीन महीने के लिए अस्थाई तौर पर की गई। इन सभी डॉक्टर्स ने अभी काम ही शुरू किया था कि उन्होंने कई तरह की परेशानी महसूस होने लगी | इन्हें बीमारी के संक्रमण का भय भी सताने लगा इसी बीच चिकित्सा शिक्षा विभाग ने एक संशोधित आदेश निकाला जिसमें लिखा कि जो डॉक्टर्स इच्छुक हैंं वही डॉक्टर्स जॉइन कर सकते हैं| इस आदेश के बाद इन 84 में से 50 डॉक्टर्स ने इस्तीफा देदिया ।
गौरतलब है कि इससे कुछ दिन पहले ही स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नियुक्ति तीन बुजुर्ग डॉक्टर्स ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को अपना अनुबंध खत्म करने के लिए आवेदन दिया है। महामारी के बीच जल्दी ही यदि डॉक्टर्स को भरोसे में नहीं लिया गया तो ग्वालियर में डॉक्टर्स की कमी हो जायेगी जिसका खामियाजा शहर के लोगों को भुगतना होगा।