PHE Scam: नाक के नीचे हुआ 16 करोड़ से ज्यादा का घोटाला, जिम्मेदारों को भनक नहीं, वित्त विभाग ने किया उजागर, पांच साल से चल रही थी धांधलेबाजी

PHE Scam, Gwalior News : मप्र में अब एक नया घोटाला सामने आया है, खास बात ये है कि ये घोटाला सरकार के वित्त विभाग ने ही पकड़ा है, मामला ग्वालियर जिले के PHE विभाग का है जहां ऑडिट के दौरान वित्त विभाग ने पाया कि कुछ कर्मचारियों के वेतन और भत्ते की राशि की बंदरबांट पिछले पांच साल से चल रही है और इसे किसी बाहरी व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है, वित्त विभाग के अधिकारियों के इसमें 16 करोड़ 42 लाख रुपये के गबन की बात कही है।

शासन के वित्त विभाग ने पकड़ा साढ़े 16 करोड़ का घोटाला 

शासन के निर्देश मिलने के बाद अधीक्षण यंत्री ग्वालियर मंडल व्ही के छारी ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर दिया है  जो इसकी जांच कर रिपोर्ट 7 दिन में शासन को सौंपेंगे, चीफ इंजीनियर आर एल एस मौर्य के मुताबिक जो जानकारी वित्त विभाग ने पत्र के माध्यम से हमें भेजी है उसमें 16 करोड़ 42 लाख 13 हजार 33 रुपये के गबन की बात कही गई है।

पांच सदस्यीय कमेटी करेगी जांच, 7 दिन में सौंपेगी रिपोर्ट 

ग्वालियर के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग (PHE) के कार्यपालन यंत्री खंड क्रमांक -1 के कार्यालय में आयुक्त कोष एवं लेखा मप्र द्वारा गठित स्टेट सर्विलेंस टीम ने एक बड़ा घोटाला पकड़ा है , घोटाला सामने आने के बाद शासन ने इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं, और 7 दिनों में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।

शासकीय कर्मचारियों के वेतन और भत्ते प्राइवेट व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर 

वित्त विभाग ने कहा है कि पिछले पांच वर्षों से ये फर्जीवाड़ा चल रहा था कुछ कर्मचारियों के वेतन और भत्ते किसी अन्य व्यक्ति के खाते में ट्रांसफर किये जा रहे हैं, ऐसे करीब 70 खाते बताये गए हैं, खास बात ये है कि ये व्यक्ति विभाग का भी नहीं है, उन्होंने कहा कि भुगतान की जो निर्धारित प्रक्रिया है पैसा उसी के तहत ट्रांसफर हुआ है लेकिन खाता कर्मचारी का ना होकर किसी बाहरी व्यक्ति का है, ये कैसे हुआ ये अब जांच के बाद ही सामने आयेगा।

मुख्य अभियंता ने अधीक्षण यंत्रियों को जारी किये ये निर्देश 

जब से शासन का पत्र आया है ग्वालियर के पीएचई कार्यालयों में हडकंप मचा हुआ है,  इस पूरे घटनाक्रम में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत साफ तौर पर नजर आ रही है। मुख्य अभियंता आर एल एस मौर्य ने इस मामले में ग्वालियर परिक्षेत्र के सभी कार्यपालन यंत्रियों को निर्देश जारी किए हैं कि वह अपने कार्यालय में पिछले 5 सालों में हुए भुगतान की जांच करें और इसका प्रतिवेदन प्रस्तुत करें।

PHE कार्यालयों में खुसर फुसर और हडकंप  

शासन के पत्र के बाद पीएचई के कार्यालयों में कर्मचारियों के बीच खुसर फुसर चल रही है, पता चला है कि कुछ प्राइवेट लोग दफ्तर में काम करते हैं और जो अधिकारी इनसे काम लेते हैं उन्हें वे निजी तौर पर वेतन भुगतान करते हैं, चर्चा में ये भी सामने आया है कि दफ्तर में पदस्थ स्टाफ ने कार्यालय के कर्मचारियों के खातों के नंबर को कई बार बदलकर अपात्र लोगों के खाते में मैप कर दिया और फिर भुगतान निकाल लिया है।

पिछले पांच साल से पदस्थ अधिकारी कर्मचारी जांच के घेरे में 

इस घोटाले में कर्मचारियों के अलावा वे वरिष्ठ अधिकारी भी जांच के घेरे में आएंगे जिन्होंने भुगतान के आदेश दिए और फिर भुगतान होने के बाद फ़ाइल पर दस्तखत किये, जांच के घेरे में खंड क्रमांक एक में पिछले पांच वर्षों में पदस्थ रहे अधिकारी और कर्मचारी हैं। बहरहाल विधानसभा चुनाव से पहले साढ़े 16 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद सियासी पारा जरुर चढ़ रहा है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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