पांच सदस्यीय समिति करेगी JAH ग्वालियर के ट्रॉमा सेंटर के ICU में लगी आग की जांच, तकनीकी कारणों की जांच करेगी एक अन्य समिति

घटना के समय आईसीयू में 10 मरीज भर्ती थे इन्हें आनन फानन में शिफ्ट किया गया, 10 में से 6 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे इनमें से तीन मरीजों की कुछ देर बाद मौत हो गई , परिजनों का आरोप है कि उनके मरीज को ऑक्सीजन ठीक से नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हुई है।

Atul Saxena
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JAH Gwalior ICU Fire
Gwalior JAH ICU Fire :  जयारोग्य चिकित्सालय स्थित ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू के एयर कंडीशनर में बीते रोज शॉर्ट सर्किट के कारण लगी आग संबंधी घटना की जांच के लिये पांच सदस्यीय जांच समिति गठित की गई है। इस समिति में एसडीएम लश्कर व सीएसपी इंदरगंज सहित पांच सदस्य शामिल किए गए हैं। गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के अधिष्ठाता डॉ. आर के एस धाकड़ द्वारा गठित इस समिति से पांच दिन में जांच प्रतिवेदन मांगा गया है।
जानकारी के अनुसार जांच करने वाली पांच सदस्यीय समिति में गजराराजा चिकित्सा महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष न्यूरो सर्जरी विभाग डॉ. अविनाश शर्मा, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष मेडीसन डॉ. संजय धवले, प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष निश्चेतना विभाग सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल डॉ. नीलिमा टण्डन, एसडीएम लश्कर विनोद सिंह एवं सीएसपी इंदरगंज अशोक सिंह जादौन को शामिल किया गया है।

तकनीकी कारणों की जांच के लिये दो सदस्यीय समिति गठित 

आग के तकनीकी कारणों का पता लगाने के लिये जीआर मेडीकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. आर के एस धाकड़ ने दो सदस्यीय समिति गठित की है। इस समिति से भी पांच दिवस की समय-सीमा में जांच प्रतिवेदन देने के लिये कहा गया है। समिति में उप आयुक्त नगर निगम अतिबल सिंह व कार्यपालन यंत्री विद्युत यांत्रिकी एस पी शर्मा शामिल किए गए हैं।

मंगलवार सुबह लगी थी ICU में आग 

गौरतलब है कि कल मंगलवार को सुबह के समय ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू के एसी शोर्ट सर्किट से आग लग गई , घटना के समय आईसीयू में 10 मरीज भर्ती थे इन्हें आनन फानन में शिफ्ट किया गया, 10 में से 6 मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे इनमें से तीन मरीजों की कुछ देर बाद मौत हो गई , परिजनों का आरोप है कि उनके मरीज को ऑक्सीजन ठीक से नहीं मिलने के कारण उनकी मौत हुई है उधर अस्पताल प्रबंधन दावा कर रहा है कि मरीज अति गंभीर थे जिसके कारण उनकी मौत हुई है, मरने वालों में शिवपुरी के कांग्रेस नेता आजाद खान, अम्बाह (मुरैना) की रजनी राठौर और छतरपुर के बाबू पाल शामिल हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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