कालाबाजारी पर भाजपा के पूर्व मंत्री सख्त, लॉकडाउन में कड़ी निगरानी की दी हिदायत

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। भाजपा (BJP) के कद्दावर नेता पूर्व मंत्री एवं पूर्व सांसद जयभान सिंह पवैया (Jaibhan Singh Pawaiya) ने लॉकडाउन (Lockdown) में होने वाली कालाबाजारी (Black Marketing) पर रोक लगाने के लिए जिला प्रशासन को हिदायत दी है। पूर्व कैबिनेट मंत्री जयभान सिंह पवैया (Jaibhan Singh Pawaiya) ने ग्वालियर कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह (Collector Kaushalendra Vikram Singh) से कहा कि लॉकडाउन के नाम पर आवश्यक वस्तुओं की मनमानी कीमतेें वसूलने वालों पर सख्ती से कार्रवाई  की जाना चाहिए।

ग्वालियर में बढ़ती कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने गुरुवार 15 अप्रैल सुबह 6 बजे से 22 अप्रैल सुबह 6 बजे तक कोरोना कर्फ्यू लगाने का आदेश दिया है।  इस दौरान केवल आवश्यक वस्तुओं की बिक्री पर छूट रहेगी बाकी बाजार बंद रहेंगे।

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पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं कद्दावर भाजपा  नेता जयभान सिंह पवैया (Jaibhan Singh Pawaiya) ने कोरोना कर्फ्यू (लॉकडाउन) के फैसले के बीच ग्वालियर कलेक्टर से फोन पर चर्चा कर उन्हें सुझाव दिया कि कोरोना कर्फ्यू या लॉक डाउन में नागरिकों की मजबूरी का लाभ उठाकर आवश्यक वस्तुओं के दाम कई गुना वसूलने की शिकायतें मिलती हैं। उन्होंने कहा कि किराना के बड़े प्रतिष्ठानों पर कीमतों की निगरानी की जाये और सब्जी मंडियों में भी उपभोक्ताओं से दामों की मनमानी रोकी जाये। श्री पवैया ने कहा कि यदि आवश्यक हो तो ऐसे समाज विरोधियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई हो ताकि संकट काल में कृत्रिम मंहगाई से शासन की अनावश्यक बदनामी न हो।

पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया (Jaibhan Singh Pawaiya)ने यह भी कहा कि जो लॉकडाउन में जरूरी सेवाओं या अनिवार्य आवागमन वाले नागरिक हों, उन्हें समझाइश दी जाये, अपमानित न किया जाये। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि कोरोना संकटकाल में मुख्यमंत्री और प्रशासनिक अमले के प्रयास अभिनंदनीय है लेकिन लॉकडाउन के नाम पर भयादोहन कर रोजमर्रा की वस्तुओं की मनमानी  कीमते वसूलने वाले तत्वों पर सख्त कार्रवाई वक्त की जरुरत है।

 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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