ग्वालियर।
ग्वालियर-चम्बल अंचल में नर्सिंग के 110 करोड़ रुपये के अवैध कारोबार पर अब चिकित्सा शिक्षा विभाग ने रोक लगा दी है। विभाग ने अंचल के 112 नर्सिंग कॉलेजों में से मात्र चार को ही सभी कोर्सों यानि एएनएम, बीएससी नर्सिंग, पीबी बीएससी नर्सिंग और एमएससी नर्सिंग की और 18 कॉलेजों को आंशिक मान्यता प्रदान की है यानि ग्वालियर-चम्बल अंचल में संचालित 90 नर्सिंग कॉलेजों पर जल्दी ही ताले लग जायेंगे।
वर्ष 2007 के नर्सिंग मान्यता नियमों के मुताबिक इन सभी कॉलेजों को तीन साल में अपने स्वयं के अस्पताल तैयार करने थे लेकिन कॉलेज संचालकों ने सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों से सम्बद्धता दिखाकर हर साल मान्यता रिन्यू करा ली। फिर विभाग ने 2018-19 के नए नियम तैयार किये जिसके अनुसार जिन कॉलेजों के पास स्वयं अस्पताल नहीं हैं उन्हें मान्यता नहीं दी जाएगी। इसके अलावा शासकीय और प्राइवेट अस्पतालों के बेड अलॉटमेंट की प्रक्रिया भी विभाग ने खुद की । इसमें भी पुरानी संस्था को प्राथमिकता दी गई। और अगर एक ही वर्ष दो कॉलेज खुले हैं तो उनमें से बेहतर रिजल्ट वाले कॉलेज को ही बेड अलॉट किये गए। इस प्रक्रिया के तहत सिर्फ 21 कॉलेजों को ही मान्यता मिल पायी। इनमें तीन कॉलेज ऐसे है जिनके पास स्वयं के अस्पताल मौजूद हैं वहीँ 18 ऐसे हैं जिन्हें सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में बेड अलॉट किये गए हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग और नर्सिंग काउन्सिल ने मान्यता प्राप्त कॉलेजों की सूची अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दी है। और छात्रों से कहा हैं कि सूची में शामिल कॉलेज में ही एडमिशन ले।