वेल्डन कलेक्टर साहब: प्रभाव दबाब आए न काम, सबसे ऊपर सरकारी फरमान

 

Akshay Singh Gwalior Collector : ग्वालियर जिले के सरकारी महकमे में उस समय अफरा-तफरी का माहौल पैदा हो गया जब कलेक्टर कार्यालय से 7 पटवारियों के निलंबन का आदेश जारी किया गया। आदेश जारी होने के साथ ही पूरे जिले में यह संदेश आग की तरह फैल गया कि सरकारी फरमान से ऊपर कुछ भी नहीं है।

आपको बता दें कि कल 30 जुलाई के दिन ग्वालियर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने 7 पटवारियों को निलंबित कर दिया था। जानकारी के अनुसार यह पटवारी स्थानांतरण और अपने अन्य हितों के लिए वरिष्ठ अधिकारियों पर दबाव डलवा रहे थे। लगभग 20 दिन पहले जारी हुए इस आदेश के बावजूद कुछ पटवारियों ने ना ही चार्ज नवागत पटवारियों को हैंड ओवर किया और ना ही कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया। जिन्होंने नोटिसों का जवाब दिया उनके जवाब उपयुक्त नहीं पाए गए। इसके बाद कलेक्टर अक्षय सिंह ने सिविल सेवा आचरण के नियम 21 के प्रावधानों के आधार पर इन सभी पटवारियों के खिलाफ निलंबन का आदेश जारी किया।

हालांकि यह पहली दफा नहीं है जब अक्षय सिंह ने सरकारी अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ गैर जिम्मेदाराना रवैया को लेकर सख्ती बरती है। इससे पहले अप्रैल महीने में कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रति बरती जा रही उदासीनता को लेकर संबंधित अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए भी दिए थे। अभी हाल ही में सीएम हेल्पलाइन में उदासीनता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी कलेक्टर सिंह ने कड़ी कार्रवाई के निर्देश जारी किए थे।

चाहे छात्रों की सुरक्षा की बात हो या प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की बात हो, अधिकारियों द्वारा ग़ैर ज़िम्मेदाराना रवैये के ख़िलाफ़ सख़्त होने की बात हो या आमजन को सुविधाएं आसानी से मिलें इस बात की गारंटी लेने की बात हो, कलेक्टर अक्षय सिंह इन सभी पहलुओं पर अब तक खरे उतरे हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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