बैठक में भड़के कलेक्टर, लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव भेजने के निर्देश

Atul Saxena
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Gwalior News : स्वास्थ्य विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों को आज कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह की नाराजगी का सामना करना पड़ा, शासन की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा के दौरान जब कलेक्टर को अफसरों की लापरवाही दिखाई दी तो भड़क गए उन्होंने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव बनाकर भेजें।

स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रति बरती जा रही उदासीनता संबंधित अधिकारियों को भारी पड़ने जा रही है। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने इन अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्री सिंह ने गुरुवार को लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर विभागीय योजनाओं की विस्तार से समीक्षा कर रहे थे।

लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव भेजने के निर्देश 

जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई बैठक में समीक्षा के दौरान कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने पहले त्रैमास में गर्भवती माताओं के कम पंजीयन पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने हीमोग्लोबिन मीटर की कमी पर भी नाराजगी जताई। कलेक्टर ने एनआरसी (पोषण पुनर्वास केन्द्र), गर्भवती माताओं के कल्याण के लिये संचालित योजनाएँ, असंचारी रोग निवारण कार्यक्रम, लाड़ली लक्ष्मी योजना और प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की प्रगति ठीक न पाए जाने पर सख्त नाराजगी जताई। उन्होंने जिला स्वास्थ्य अधिकारी सहित विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों के खिलाफ दण्डात्मक कार्रवाई के प्रस्ताव शासन को भेजने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास को दिए।

सभी एनआरसी की क्षमताओं का पूरा उपयोग हो

कलेक्टर श्री सिंह ने जोर देकर कहा कि जिले में संचालित सभी एनआरसी की क्षमताओं का पूरा उपयोग हो। स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर कम वजन के बच्चों को एनआरसी में भर्ती कराएँ। साथ ही एनआरसी की सुविधाओं के बारे में प्रचार-प्रसार भी करें, जिससे माताएँ स्वत: ही कम वजन के बच्चों को एनआरसी में लेकर आने लगें।

सरकारी योजनाओं में ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी : कलेक्टर 

उन्होंने निर्देश दिए कि सरकार द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवायें मुहैया कराने के लिये संचालित कार्यक्रमों का लाभ आम जन को बिना कठिनाई के मिलना चाहिए। इसमें किसी भी तरह की ढ़िलाई बर्दाश्त नहीं होगी। बैठक में संजीवनी क्लीनिक, मलेरिया नियंत्रण, कुष्ठ निवारण, राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम, आयुष्मान भारत योजना, टीकाकरण का सिटी मॉडल, लाड़ली लक्ष्मी योजना एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सहित स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास विभाग की अन्य योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा, जिला टीकाकरण अधिकारी डॉ. आर के गुप्ता, सिविल सर्जन डॉ. आर के शर्मा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

कोरोना से बचाव के लिये पुख्ता व्यवस्थायें रहें

कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने हाल ही में सामने आए कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखकर जिला चिकित्सालय सहित अन्य अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए एहतियात बतौर पुख्ता इंतजाम रखने पर बल दिया। साथ ही निर्देश दिए कि चिकित्सक द्वारा खाँसी-जुकाम इत्यादि रोगों के जिन मरीजों को कोरोना जांच की सलाह दी जाए उनकी जांच अनिवार्यत: कराई जाए। साथ ही संक्रमित मरीजों को होम आईसोलेशन के दौरान कौन-कौन सी सावधानी बरतनी हैं यह भी बताएँ, जिससे परिवार के अन्य सदस्यगण संक्रमण से बच सकें।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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