Gwalior Collector instructions : दिवाली पर सभी तरह के व्यापारी अपना धंधा जोर शोर से करते हैं। सोने चांदी, बर्तन, सजावटी सामान सहित दिवाली पर उपयोग होने वाली अन्य सभी वस्तुओं के निर्माता से लेकर विक्रेता तक सभी अच्छे मुनाफे की उम्मीद करते हैं लेकिन इन सबमें सबसे अहम् मिट्टी के दीपक बनाने वाले जिन्हें सबसे ज्यादा परेशानी होती है, लेकिन ग्वालियर कलेक्टर ने जिले के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मिट्टी के दीपक बेचने वालों को कोई असुविधा न हो इसका ध्यान रखा जाये।
दीपावली पर्व के अवसर पर मिट्टी के दीपक बेचने वाले छोटे व्यवसायियों को सहायता प्रदान करने के लिए कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इस आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि दीपक बेचने वाले व्यवसायियों को सभी प्रकार के कर से मुक्त रखा जाए, जिससे उन्हें अपनी आजीविका चलाने में कोई असुविधा न हो। उन्होंने निर्देश दिए हैं कि मिट्टी का दीपक बेचने वालों को कोई असुविधा न हो।
मिट्टी के दीपक पर्यावरण के लिए अनुकूल
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने आदेश में उल्लेख किया है कि मिट्टी के दीपक न केवल धार्मिक मान्यता के प्रतीक हैं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हैं। इन दीपकों का उपयोग करने से प्लास्टिक के प्रदूषण को कम करने में मदद मिलती है। उन्होंने नगर निगम आयुक्त, सभी नगर पालिका अधिकारियों, पुलिस एवं अन्य संबंधित अधिकारियों को इस आदेश का पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
छोटे व्यवसायियों को मिलेगी मदद
इस पहल के माध्यम से छोटे-छोटे व्यवसायियों की मदद तो होगी ही, साथ ही पर्यावरण संरक्षण को भी बढ़ावा मिलेगा। दीपावली पर मिट्टी के दीपक खरीदकर और आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का सहयोग कर हम एक सकारात्मक बदलाव की ओर बढ़ सकते हैं।