ग्वालियर कलेक्टर के निर्देश से राजस्व अफसरों के उड़े होश, इतिहास में पहली बार ऐसा फैसला

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भोपाल/ग्वालियर। मध्य प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि किसी कलेक्टर ने राजस्व वसूली में पिछड़ने पर अपने साथ अन्य राजस्व विभाग के अफसरों का वेतन रोकने के आदेश जारी किए हैं। ग्वालियर कलेक्टर अनुराग चौधरी ने कोषालय को निर्देश दिए हैं कि रेवेन्यू अफसरों का वेतन इस माह जारी नहीं किया जाए। 

कलेक्टर चौधरी अफसरों के रवैया से काफी खफा हैं। शासन को लाखों करोड़ों की राजस्व वसूली समय करना होती है। लेकिन अफसरों के लचर रवैये के कारण इस बार ग्वालियर के राजस्व अफसर टारगेट पूरा करने में पिछड़ गए। जिसके बाद कलेक्टर ने अफसरों को आइना दिखाने के लिए उनके खुद का वेतन और अफसरों का वेतन रकने के निर्देश दिए हैं। 

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दरअसल, समय सीमा बैठक के दौरान राजस्व वसूली का मामला सामने आया। इसमें खुलासा हुआ कि अफसरों को शासन की ओर से 66 करोड़ रुपए वसूली करने का टारगेट दिया गया था। लेकिन अफसरों के ढीले रवैये के कारण वसूली सिर्फ 3.79 करोड़ रुपए ही हो पाई। जब कलेक्टर के सामने यह आंकड़ा पेश किया गया तो उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कोषालय अधिकारी अनिल सक्सेना को खुदके साथ साथ सभी राजस्व अफसरों का वेतन रोकने के निर्देश दिए। 

कलेक्टर चौधरी ने कहा कि शासन द्वारा हमको काम करने के ऐवज में वेतन दिया जाता है। लेकिन राजस्व का जो टारगेट था उसकी वसूली न के बराबर हुई है। चूंकि मैं टीम का मुखिया हूं, इसलिए मैंने अपना वेतन व राजस्व अफसरों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं। ताकि काम में कसावट लाई जा सके। 


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