Gwalior News : मासूम की हत्या कर शव बैग में पैक किया और सड़क पर फेंक दिया, पुलिस कर रही जांच

ट्रांसपोर्ट नगर से किसी ने पुलिस को फोन किया कि पार्किंग क्रमांक एक में एक पिट्ठू बैग पड़ा है  और उसमें से बदबू आ रही है। संभावना है कि बैग में कोई शव है, शव पड़ा होने की सूचना मिलते ही बहोड़ापुर थाना पुलिस एक्टिव हुई और पार्किग क्रमांक एक पर पहुंची।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना क्षेत्र स्थित ट्रांसपोर्ट नगर में एक बैग में बच्चे का शव मिलने से सनसनी  फ़ैल गई, सूचना पर पहुंची पुलिस ने एफएसएल तीन और फिंगर प्रिंट्स एक्सपर्ट को बुलाकर बैग खुलवाया, बैग में हाथ पैर बंधा हुआ शव था, उम्र करीब 2 से 3 साल के आसपास बताई जा रही है, सिर में भी चोट के निशान हैं।

जानकारी के मुताबिक ट्रांसपोर्ट नगर से किसी ने पुलिस को फोन किया कि पार्किंग क्रमांक एक में एक पिट्ठू बैग पड़ा है  और उसमें से बदबू आ रही है। संभावना है कि बैग में कोई शव है, शव पड़ा होने की सूचना मिलते ही बहोड़ापुर थाना पुलिस एक्टिव हुई और पार्किग क्रमांक एक पर पहुंची।

बैग में हाथ पैर बंधा मिला मासूम का शव 

वहां एक काले रंग  का पिट्ठू बैग पुलिस को दिखाई दिया, पुलिस ने सीनियर अधिकारियों को बुलाया, एफएसएल टीम और फिंगर प्रिंट्स एक्सपर्ट को बुलाया फिर जब बैग खोला तो उसमें एक बच्चे का शव निकला , शव के हाथ पैर बंधे हुए थे और उसी अवस्था में उसे बैग में पैक किया गया था, समझा जा रहा है कि आरोपी ने हत्या कहीं और की है और सूनसान जगह होने के कारण शव को ट्रांसपोर्ट नगर पार्किंग में फेंक गया।

बच्चे की पहचान नहीं हो सकी 

सीएसपी किरण अहिरवार ने मीडिया को बताया कि बच्चे की उम्र करीब 2 से 3 साल के बीच लग रही है, शव को जिस तरह फेंका गया है उससे हत्या ही प्रतीत होती है , शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है, बाकी पीएम रिपोर्ट के बाद मालूम चल सकेगा, फ़िलहाल बच्चे की पहचान नहीं हो सकी है पुलिस इसके प्रयास कर रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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