Gwalior News : पुलिस की होली में जमकर उड़ा गुलाल, रैंक भूलकर परिवार के साथ की मस्ती, एसपी बने सिंगर

मीडिया से बात करते हुए पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह यादव ने कहा कि यह ऐसा मौका होता है जहां पुलिस परिवार का हर सदस्य अपनी रैंक को छोड़कर एंजॉय कर सेलिब्रेशन करते हैं, यहीं से बॉन्डिंग बनती है, टीम भावना बनती है, जो आगे चलकर पुलिसिंग में काफी मददगार होती है, पुलिस में बहुत जरूरी है टीम भावना का होना।

Atul Saxena
Published on -

Gwalior News : ग्वालियर की डीआरपी लाइन में आज पुलिस की होली का खूब रंग जमा, 48 घंटों तक शहर की कानून व्यवस्था को शिद्दत से निभाने वाले पुलिस कर्मचारी- अधिकारी आज अलग ही मूड और मस्ती में दिखाई दिए, सबने पोस्ट और रैंक भूलकर एक दूसरे को गुलाल लगाया और गले लगाया, ढोल, नगाड़ों और डीजे की धुन पर डांस किया, यहाँ ग्वालियर एसपी धर्मवीर सिंह यादव सिंगर बने उन्होंने माइक हाथ में लेकर एक होली गीत सुनाया।

ग्वालियर पुलिस की होली, जमकर उड़ाया गुलाल, मचाया धमाल 

जिले में होली का त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के बाद आज पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने परिवार के साथ होली की मस्ती की, पुलिस लाइन में रंग और गुलाल के साथ पुलिस अधिकारी और कर्मचारी  खूब धमाल मचाया, क्या सिपाही क्या अफसर सभी रंगबिरंगे गुलाल में एक से नजर आ रहे थे।

MP

एसपी धर्मवीर सिंह बने सिंगर , गाया – राधा बरसाने में आ जइयो …

मस्ती और धमाल के बीच पुलिसकर्मी ठुमके लगा रहे थे, तो एसपी धर्मवीर सिंह यादव का अन्दर का सिंगर भी बाहर निकल आया उन्होंने मंच पर पहुंचकर माइक थामा और सुनाने लगे – बरसाने में आ जइयो.. बुलाई रही राधा प्यारी.. उनके गीत पर साथी अधिकारियों और कर्मचारियों ने भी साथ दिया।

एसपी बोले – ऐसे आयोजनों से पुलिसिंग में मिलती है मदद 

मीडिया से बात करते हुए पुलिस कप्तान धर्मवीर सिंह यादव ने कहा कि यह ऐसा मौका होता है जहां पुलिस परिवार का हर सदस्य अपनी रैंक को छोड़कर एंजॉय कर सेलिब्रेशन करते हैं, यहीं से बॉन्डिंग बनती है, टीम भावना बनती है, जो आगे चलकर पुलिसिंग में काफी मददगार होती है, पुलिस में बहुत जरूरी है टीम भावना का होना। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश पुलिस होली के दो दिन शहर की सुरक्षा संभालती है और फिर होली के अगले दिन एक जगह इकट्ठा होकर पूरे परिवार के साथ होली खेलते हैं।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News