Gwalior News : ग्वालियर के थाटीपुर थाना क्षेत्र में बसी नेहरु कॉलोनी में 20 साल पुरानी चार मंजिला बिल्डिंग का एक पिलर डेमेज हो गया और बिल्डिंग एक तरफ झुक गई, बिल्डिंग झुकते है उसके फ़्लैट में रह रहे निवासियों में अफरा तफरी मच गई, सभी नीचे भागे तो ऑंखें फटी रह गई, कॉलोनी में हडकंप मचा तो पुलिस को सूचना दी गई, नगर निगम के अधिकारी भी पहुंचे और मल्टी में रहने वालों को सुरक्षित बाहर निकाला, प्रशासन की टीम ने डेमेज पिलर के आसपास बल्लियाँ और जेक लगाकर उसे सपोर्ट दिया फिर सूचना लिखकर मल्टी में प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया, इस घटना के बाद से बिल्डिंग के निर्माण की क्वालिटी पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
मल्टी स्टोरी बिल्डिंग का पिलर टूटा, मचा हडकंप
नेहरु कॉलोनी में गोल्डन टावर नामक चार मंजिला बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को बीती देर शाम अचानक एक झटका लगा, झटका लगते ही उसमें रहने वाले लोग हिल गए एक दूसरे के फ़्लैट में जाकर पूछताछ की गई फिर पार्किंग में जाकर देखा तो एक पिलर डेमेज हो गया था जिससे बिल्डिंग के तरफ झुक गई थी, पिलर टूटने की खबर लगते ही अफरा तफरी मच गई, सभी लोग सड़क पर आ गए।
प्रशासन की टीम ने फ़्लैट में रह रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला
तत्काल पुलिस और नगर निगम को सूचना दी गई , कमिश्नर हर्ष सिंह, सीएसपी नागेन्द्र सिंह सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी वहां पहुंचे, अफसरों में सबसे पहले मल्टी को खाली कराया और उन लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला, मल्टी के बाहर सुरक्षा का घेरा बना दिया और अन्दर प्रवेश पर रोक लगा दी उसके बाद डेमेज पिलर के आसपास बल्लियाँ और जैक लगाकर उसे सपोर्ट दिया।
जैक लगाकर टूटे पिलर को दिया सपोर्ट, मटेरियल टेस्ट के लिए भेजा
कमिश्नर हर्ष सिंह ने मीडिया को बताया कि हमने यहाँ रहे रहे सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है पास में एक और निर्माण चल रहा था उसे रुकवा दिया है, पिलर के मटेरियल को जाँच के लिए लैब भेजा है फ़िलहाल बिल्डिंग को सपोर्ट दिया है जिससे वे गिरे नहीं, उन्होंने कहा कि बिल्डिंग के मेंटेनेंस का इश्यु और सीपेजका इश्यु भी सामने आया है उसे भी दिखवाया जा रहा है।
20 साल पुरानी है बिल्डिंग, निर्माण क्वालिटी पर उठ रहे सवाल
जानकारी के मुताबिक गोल्डन टावर बिल्डिंग करीब 20 साल पुरानी है इसे बिल्डर मोहन बांदिल ने बनवाया था, इसमें कुल 27 फ़्लैट हैं सभी बिक चुके हैं लेकिन कुल 15 परिवार इसमें इस समय रह रहे थे जिन्हें यहाँ से हटा दिया गया है, अब कोई अपने रिश्तेदार के घर चला गया है कोई होटल में शरण लिए हुए है उधर कुछ लोगों ने बिल्डर से संपर्क करना चाहा तो संपर्क हो नहीं सका, बहरहाल एक बड़ा हादसा फिलहाल तो टल गया लेकिन बिल्डिंग निर्माण की क्वालिटी को लेकर सवाल जरुर खड़े हो रहे हैं।