Gwalior News : ठगी करने वाला कॉल सेंटर पकड़ा, निशाने पर US, UK के निवासी, दुबई तक जुड़े तार, महिला सहित 7 आरोपी गिरफ्तार

शुरूआती जाँच में सामने आया है कि इनमें से तीन एक्सपर्ट है और शेष सीख रहे हैं, एक्सपर्ट इन्हें अमेरिका और ब्रिटेन की भाषा का एक्सेंट यानि तरीका सिखाते थे वहां अंग्रेजी में कैसे बात करें , कैसे बातों में उलझाएँ  सिखाते थे, मालूम ये भी चला है कि गिरोह का सरगना दुबई में बैठा है, पुलिस इनके साइबर प्रूफ इकट्टे कर रही है, इस टीम में अलग अलग थानों की पुलिस के अलावा, करें ब्रांच, साइबर पुलिस भी शामिल है जो बारीकी से छानबीन कर रही है।

Atul Saxena
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Gwalior News : ग्वालियर पुलिस ने एक ऐसा गिरोह पकड़ा है जो कॉल सेंटर के नाम पर साइबर ठगी का बड़ा जाल फैलाये हुए था, इन्होंने झाँसी रोड थाना क्षेत्र की पॉश कॉलोनी माधव नगर में अपना ठिकाना बना रखा था, आरोपी खासकर अमेरिका और ब्रिटेन के लोगों को माइक्रोसॉफ्ट कंपनी का एजेंट बताकर गिफ्ट वाउचर के नाम पर लालच देकर फंसाते थे और उनसे ठगी करते थे, पुलिस ने यहाँ से 7 लोगों को गिरफ्तार किया है,इनमें एक महिला भी शामिल है  बताया जा रहा है कि मास्टर माइंड दुबई में बैठा है, पुलिस बारीकी से जाँच कर रही है, कुछ इक्विपमेंट पुलिस ने इनके पास से जब्त किये हैं और साइबर प्रूफ जुटाने की कोशिश कर रही है।

शहर की पॉश कॉलोनी में ठगी का कॉल सेंटर 

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक मुखबिर से माधव नगर में एक  घर में बने गेस्ट हॉउस में एक कॉल सेंटर चलने की जानकारी मिली थी , खबर थी कि लोग लोगों को कॉल कर ठगी का काम कर रहे हैं, पुलिस ने माधव नगर के उस HIG मकान पर दबिश दी तो वहां एक लड़का  सफाई करता दिखाई दिया, पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि रूम नम्बर 204 में कुछ लड़के लड़की हेडफोन लगाये अंग्रेजी में रात को बातें करते हैं।

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1 महिला सहित 7 गिरफ्तार

पुलिस ने जब दरवाजा खुलवाया तो वहां  06 लड़के, 01 लड़की लेपटॉप के सामने बैठकर कान में हेडफोन लगाकर बातें करते दिखे, नजदीक जाकर पुलिस ने देखा तो वे लोग eyebeam voip calling एप के माध्यम से अंग्रेजी में बात कर रहे थे, पुलिस ने उन्हें उसी अवस्था में दबोच लिया,  नाम व पता पूछा तो उन्होंने अपने नाम अभय राजावत,  नीतेश कुमार,  दीपक थापा,  परवेज आलम,  श्वेता भारती,  राज कैलाशकर और सुरेश वासेल बताये।

US, UK के निवासियों को बनाते थे निशाना 

पुलिस ने जब अप्द्तल शुरू की तो लैपटाप के स्क्रीन पर दर्शाये एप्लीकेशन की स्क्रीन पर कॉल ऑप्शन पर डॉयल, मिस्ड एवं रिसीव्ड कॉल नम्बर भारत के न होकर यूएस के, विदेशी इंटरनेशनल नंबर है। काल सेंटर मे काम करते पाये गये लड़के व लड़की जिनसे मौके पर प्रारम्भिक पूछताछ की गई, अलग अलग पूछताछ करने पर सभी ने बताया कि हम लोग ग्वालियर में करीब 07 दिन पहले आये थे और तभी से काम कर रहे हैं यहां ग्वालियर में काम करने के लिये जगह एवं फर्नीचर का सेटअप संजय भदौरिया निवासी मुरैना ने कराया था एवं कर्ण ने लेपटॉप, मोबाइल फोन एवं वाईफाई (राउटर) सहित अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण उपलब्ध कराये थे।

पुलिस को मिला ठगी का पूरा साइबर सिस्टम 

लड़के लड़कियों ने पुलिस को बताया कि कॉलिंग के लिये डाटा तथा मोबाइल नम्बर मोन्टी सिकरवार एवं एस. वॉटसन मोबाइल ने व्हाट्सएप पर Calls jungle एवं Riyasat transfer@call back /बंसस इंबा ग्रुप के माध्यम से प्रोवाइड कराते थे एवं यूएस एवं भारत के बाहर रहने वाले लोगों से प्राप्त मोबाइल नंबर पर ij eyebeam voip calling एप के माध्यम से बात करके माइक्रोसाफ्ट कंपनी का एजेन्ट बनकर कम्प्यूटर में वायरस होने का झांसा देकर गिफ्ट बाउचर (जैसे एप्पल, वालमार्ट, गेमस्टाप, वीजा ) आदि को सभी धोखाधड़ी करने वाले लोग प्राप्त करते हैं।

विदेशों में चर्चित नाम से करते थे कॉलिंग 

पुलिस पूछताछ में जो बड़ी बात निकलकर सामने आई वो ये कि पकड़े गये ठग विदेशी लोगों से बात करते समय अपना मूल नाम न बताते हुये विदेश में प्रचलित नाम बताते थे इसमें  अभय राजावत अपना नाम PAUL, नीतेश अपना नाम MARTIN , सुरेश अपना नाम JOHN, दीपक अपना नाम RYAN ,  राज अपना नाम CYBER EXPERT, सुरेश अपना नाम DEVIL और श्वेता अपना नाम  NANCY बताकर बात करते थे।

एमपी के अलावा यूपी, मेघालय और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं आरोपी 

आरोपियों ने बताया कि मोंटी और कर्ण के द्वारा सभी को प्रतिमाह 20,000 से 25,000 रुपये सैलरी नगद एवं रहने खाने का खर्चा दिया जाता था इसेक अलावा जितनी राशि की ठगी की जाती है उसका 05 प्रतिशत अतिरिक्त कमीशन भी दिया जाता है। पुलिस ने इनसे कॉल सेंटर संचालन के दस्तावेज चाहे तो ये किसी भी प्रकार का दस्तावेज नहीं दिखा पाए, पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ  धारा 419, 420, 120बी भादवि एवं 66-डी आईटी एक्ट का अपराध थाना झांसीरोड में दर्ज कर लिया। पुलिस ने 8 लैपटॉप, 15 मोबाइल फोन, सहित कई इलेक्ट्रोनिक समन जब्त किया है, आरोपी एमपी के अलावा यूपी, मेघालय और महाराष्ट्र के रहने वाले हैं।

शुरूआती जाँच में सामने आया है कि इनमें से तीन एक्सपर्ट है और शेष सीख रहे हैं, एक्सपर्ट इन्हें अमेरिका और ब्रिटेन की भाषा का एक्सेंट यानि तरीका सिखाते थे वहां अंग्रेजी में कैसे बात करें , कैसे बातों में उलझाएँ  सिखाते थे, मालूम ये भी चला है कि गिरोह का सरगना दुबई में बैठा है, पुलिस इनके साइबर प्रूफ इकट्ठे कर रही है, इस टीम में अलग अलग थानों की पुलिस के अलावा, करें ब्रांच, साइबर पुलिस भी शामिल है जो बारीकी से छानबीन कर रही है।

ग्वालियर से अतुल सक्सेना की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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